राज्य के सबसे प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय की शैक्षणिक स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस साल की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में विद्यालय के 5 छात्र फेल हो गए हैं। 10वीं में एक और 12वीं में 4 छात्रों को असफलता का सामना करना पड़ा है। इस गिरते प्रदर्शन को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन ने गहरी चिंता जताई है और जांच के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को रांची के धुर्वा स्थित एमडीआई भवन में हुई नेतरहाट विद्यालय समिति की बैठक में मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि विद्यालय का स्तर लगातार वर्ष 2010 के बाद से गिरता जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि पूर्ववर्ती छात्रों की एक कमेटी बनाकर विद्यालय में एक सप्ताह तक रहकर फेल हुए छात्रों के पढ़ाई के स्तर का आकलन किया जाए और रिपोर्ट सौंपे।
बैठक में बताया गया कि स्कूल में शिक्षकों के 42 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में सिर्फ 18 शिक्षक ही कार्यरत हैं। मंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द खाली पदों को भरने का निर्देश दिया। तब तक के लिए पूर्व छात्रों और पूर्व शिक्षकों से पढ़ाई करवाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन मंगाए जाएंगे और उन्हें सम्मान राशि व अन्य जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि छात्रों के नामांकन में भी लगातार कमी आ रही है, जो चिंता का विषय है। कई छात्रों के 80 प्रतिशत से कम अंक लाने पर भी उन्होंने शिक्षकों से जवाब तलब करने को कहा। साथ ही विद्यालय में आश्रम व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि डीएमएफटी (जिला खनिज निधि) की राशि से स्कूल की बुनियादी सुविधाओं को ठीक किया जाएगा। साथ ही स्कूल की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए लातेहार जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करने के निर्देश प्राचार्य को दिए गए।
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