झारखंडब्रेकिंग

धर्मांतरण और कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने फिर खोला मोर्चा 

Share
Share
Khabar365news

जामताड़ा : पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं धर्मांतरण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने का संकल्प दोहराया है। वे जामताड़ा टाउन हॉल में सामाजिक संस्था एसेका द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संथाल परगना के पाकुड़ एवं साहिबगंज समेत कई हिस्सों में आज आदिवासी समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि बांग्लादेशी घुसपैठिए हमारे समाज की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज की जो बेटियां बाहर शादी कर रही हैं, उन्हें संविधान द्वारा मिले आरक्षण में अतिक्रमण करने का कोई अधिकार नहीं है।

धर्मांतरण करने वाले लोगों को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि जो भी व्यक्ति हमारी परंपराओं एवं रूढ़िवादी व्यवस्था ने बाहर निकल चुका है, उसे आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले से यह तय हो चुका है कि धर्म बदलने वालों को आरक्षण से बाहर किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि झारखंड में हमारा आदिवासी समाज दोतरफा मार झेल रहा है। एक ओर बांग्लादेशी घुसपैठिये भूमिपुत्रों की जमीनें लूट रहे हैं, हमारे समाज की बेटियों से विवाह कर पिछले दरवाजे से संविधान द्वारा दिए गये अधिकारों में अतिक्रमण कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग भोले-भाले आदिवासियों को ठग कर, उन्हें लालच देकर अथवा उनकी मजबूरी का फायदा उठा कर उनका धर्मांतरण कर रहे हैं। बेहतर शिक्षा का अवसर पाकर ये धर्मांतरित लोग आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा करते जा रहे हैं। 

उन्होंने संथाल परगना समेत पूरे झारखंड में आदिवासियत की लड़ाई को मुकाम तक पहुँचाने का रोडमैप साझा करते हुए कहा कि कुछ महीनों में “आदिवासी सांवता सुसार अखाड़ा” द्वारा एक महाधिवेशन बुलाया जायेगा, जिसमें 10 लाख से अधिक आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे। इस महाधिवेशन में झारखंड, ओडिशा, असम, बंगाल, बिहार समेत देश-विदेश के लोग जुटेंगे, तथा आदिवासी समाज के अस्तित्व समेत विभिन्न मुद्दों पर निर्णायक प्रस्ताव पारित करेंगे। ओलचिकी लिपि की वकालत करते हुए पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने इसे एक वैज्ञानिक तौर पर सफल लिपि बताया। उन्होंने आदिवासी सभ्यता, संस्कृति, कलाओं एवं भाषाओं को संरक्षित करने तथा उसके प्रति अगली पीढ़ी को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू, एसेका के शंकर सोरेन समेत सैकड़ों की संख्या में साहित्यकार, लेखक, बुद्धिजीवी एवं हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

September 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  







Related Articles
गिरिडीहझारखंडब्रेकिंग

25 फीट ऊंचाई पर लगा रहा था झंडा, गिरने से मजदूर की मौत; परिजनों ने की मुआवजे की मांग

Khabar365newsगिरिडीह के मधुबन थाना क्षेत्र स्थित 20 पंथी कोठी में झंडा लगाने...

HazaribaghJharkhandब्रेकिंग

हजारीबाग के सौरव ने लिखी संघर्ष की कहानी, मुंबई से गांव लौटकर बनाई वेब सीरीज

Khabar365newsझारखंड के हजारीबाग से एक अलग ही कहानी सामने आई है। फिल्मों...

बिहारब्रेकिंग

राहुल गांधी को मिला अखिलेश यादव का साथ, वोट अधिकार यात्रा में हुए शामिल

Khabar365newsबिहार : बिहार में जारी वोट अधिकार यात्रा के 16वें दिन शनिवार...

झारखंडब्रेकिंगलातेहार

लातेहार में डबल मर्डर, पत्नी और मासूम बेटे की पति ने की हत्या

Khabar365newsलातेहार : लातेहार जिले में डबल मर्डर हुआ है। छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत...