
संस्कृति, चेतना और भविष्य निर्माण का सशक्त मंच बना वार्षिक सांस्कृतिक समारोह
रिपोर्ट सुमित कुमार पाठक पतरातु
ओ. पी. जिंदल स्कूल, बलकुदरा, पतरातू में आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक समारोह 2025 — ‘आविर्भाव (The Emergence)’ ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और समग्र व्यक्तित्व निर्माण की सशक्त प्रयोगशाला भी है। विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा, सामाजिक चेतना और नैतिक मूल्यों का अद्भुत संगम इस समारोह में देखने को मिला।

सुबह से ही विद्यालय परिसर उत्सव के रंग में रंगा रहा। आकर्षक मंच-सज्जा, अनुशासित प्रस्तुतियाँ, रंग-बिरंगे परिधानों में सजे छात्र-छात्राएँ तथा दर्शक दीर्घा में उपस्थित अभिभावक व गणमान्य अतिथियों ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री कृष्ण बल्लभ सिंह, प्लांट हेड, जिंदल स्टील, पतरातू के स्वागत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। विद्यालय के प्राचार्य श्री गुरुदत्त पाण्डेय ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का अभिनंदन किया। इस अवसर पर जिंदल स्टील, पतरातू के एचआर हेड सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति नाट्य-रूपक ‘The Legacy of True Strength’ रही, जिसमें यह संदेश प्रभावी ढंग से उभरा कि सच्ची शक्ति बाहुबल में नहीं, बल्कि सत्य, करुणा, साहस और नैतिक दृढ़ता में निहित होती है। छात्रों के सशक्त अभिनय ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।
इसके पश्चात नन्हे विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य ने बाल-सुलभ ऊर्जा और आत्मविश्वास से सभी का मन मोह लिया। भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत के संगम पर आधारित ऑर्केस्ट्रा प्रस्तुति समारोह का विशेष आकर्षण रही।
विद्यालय के प्राचार्य श्री गुरुदत्त पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि “आविर्भाव विद्यार्थियों के भीतर छिपी प्रतिभाओं के प्रकट होने का उत्सव है। हमारा उद्देश्य केवल अकादमिक सफलता नहीं, बल्कि संवेदनशील और उत्तरदायी नागरिकों का निर्माण करना है।”
कार्यक्रम की विशिष्ट प्रस्तुति ‘बाल संसद’ रही, जिसमें विद्यार्थियों ने लोकतंत्र, बाल अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक दायित्व जैसे विषयों पर प्रभावशाली ढंग से अपने विचार रखे।
मुख्य अतिथि श्री कृष्ण बल्लभ सिंह ने विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि “आज के मंच पर प्रस्तुत कार्यक्रम भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलक हैं। ‘आविर्भाव’ शिक्षा और संस्कृति के संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
समारोह के दौरान पुरस्कार वितरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें शैक्षणिक, खेलकूद एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
झारखंड की लोक-संस्कृति पर आधारित नागपुरी नृत्य तथा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ विषयक समूह नृत्य ने देश की विविधता में एकता का जीवंत संदेश दिया। समापन प्रस्तुति ‘आविर्भाव’ ने आत्म-जागरण, नव-चेतना और भविष्य के प्रति आशा का भाव प्रबल किया।
धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
कुल मिलाकर, ओ. पी. जिंदल स्कूल, बलकुदरा, पतरातू का ‘आविर्भाव–2025’ एक ऐसा सांस्कृतिक महोत्सव सिद्ध हुआ, जिसने शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और सामाजिक मूल्यों की मजबूत छाप छोड़ी है।
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