ईचाक में किसी भी पार्टी के द्वारा टिकट ना देने को लेकर ईचाक वासियों में गुस्सा का माहौल है। ऐसे में इचाक वासी सोच रहे है की किसी निर्दलीय प्रत्याशी को ही एक जुट होकर वोट कर जिताया जाए। साल 2000 के बाद से कोई भी मेहता जाति का उम्मीदवार नहीं जीता है और इचाक से अभी तक कोई भी विधायक नहीं बन पाया है।विधायक ना बन पाने से इचाक के बहुत सारे क्षेत्र अभी भी बहुत पिछड़े है। फ़ोन कर रामचंद्र प्रसाद से इस बार विधायक चुनाव लड़ने की इच्छा पूछने पर उन्होंने कहा की अगर इचाक की जानता पूर्ण समर्थन के साथ विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारेगी तो चुनाव अवश्य लड़ूँगा। रामचंद्र प्रसाद मेहता, एक प्रतिष्ठित समाजसेवी और स्थानीय नेता, इस बार इचाक विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। उनका यह फैसला तब सामने आया है जब इचाक में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसी भी प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया, जिससे वहां के स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा और असंतोष देखने को मिल रहा है। इचाक के लोग अब एकजुट होकर किसी निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने और उसे चुनाव जिताने की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। इस माहौल में रामचंद्र प्रसाद मेहता एक संभावित उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं, जो क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा कर रहे हैं। इचाक क्षेत्र में वर्ष 2000 के बाद से कोई भी मेहता जाति का उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाया है। इसके साथ ही, इचाक से अब तक कोई विधायक नहीं चुना जा सका है, जो वहां के विकास और प्रगति में बड़ी बाधा बनता रहा है। इस क्षेत्र के कई हिस्से अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित और पिछड़े हुए हैं। स्थानीय जनता का मानना है कि अगर उनका प्रतिनिधित्व मजबूत होता, तो इचाक क्षेत्र का समुचित विकास संभव हो पाता। क्षेत्र में सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और रोजगार जैसे बुनियादी जरूरतों की कमी साफ़ तौर पर महसूस की जाती है, और इसका समाधान तब ही संभव हो सकता है जब उनके बीच से कोई सशक्त नेता चुनकर विधानसभा में पहुंचे। रामचंद्र प्रसाद मेहता ने इस मुद्दे को गहराई से समझते हुए कहा है कि अगर इचाक की जनता उन्हें पूर्ण समर्थन के साथ चुनावी मैदान में उतारेगी, तो वे निश्चित रूप से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।