इस्कॉन के चिन्मय कृष्णदास की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के विरोध में उपायुक्त, रांची को ज्ञापन देकर की गई मांग!
रांची: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कानूनी रूप से आंदोलन करने वाले इस्कॉन के स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी को देशद्रोह के आरोप में अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी अल्पसंख्यक हिन्दुओं के अधिकारों को दबाने का एक और प्रयास है, जिसकी हम तीव्र शब्दों में निंदा करते हैं। हिंदू जनजागृति समिति ने उपायुक्त, रांची के माध्यम से ज्ञापन देकर मांग की है कि भारत सरकार तुरंत हस्तक्षेप कर स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी की बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित करे और बांग्लादेश सरकार को अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए बाध्य करे।
बांग्लादेश में हिंदू समाज पिछले कई दशकों से धार्मिक अत्याचार, मंदिरों पर हमले, महिलाओं पर अत्याचार और संपत्तियों की लूट का सामना कर रहा है। स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी ने ऐसे अन्याय का विरोध करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग की। उनकी गिरफ्तारी ने बांग्लादेश के हिंदुओं के धार्मिक स्वतंत्रता को गंभीर खतरे में डाल दिया है।
जैसे भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के माध्यम से बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान करने का एक सराहनीय कदम उठाया है, वैसे ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार भारत के लिए केवल एक पड़ोसी देश का मुद्दा नहीं, बल्कि हिंदुओं के अस्तित्व, मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का संवेदनशील विषय है। यदि इन अत्याचारों को नहीं रोका गया, तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। इसलिए हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने भारत सरकार से कड़े कदम उठाने और निर्णायक भूमिका निभाने की अपेक्षा व्यक्त की है।
उपायुक्त, रांची को ज्ञापन देते समय श्रीमती रेणु अग्रवाल, प्रांत परियोजना प्रमुख विश्व हिंदू परिषद; प्रभु लाल पटेल, कोषाध्यक्ष रांची पटेल समाज; लेखिका एवं रांची सिटीजन फोरम की उपाध्यक्ष डॉक्टर रेणुका तिवारी जी, विजय कुमार गुप्ता, प्रांतीय प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ; रेवती रमण प्रसाद, आशीष भादुरी तथा हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमति पूजा चौहान उपस्थित थे।
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