मार्च 2013 में आईटीआई भवन की रखी गयी थी आधारशिला
इचाक। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा के संसदीय क्षेत्र इचाक प्रखण्ड के बोगा गांव मे साढ़े आठ करोड़ के लागत से आईटीआई भवन आज से करीब 10 साल पूर्व बन कर तैयार हुई है। मार्च 2013 मे राज्य के तत्कालीन राज्यपाल महामहिम सैय्यद अहमद, विशिष्ट अतिथि के रूप मे कोडरमा तत्कालीन सांसद बाबुलाल मरांडी द्वारा आरटीआई भवन निर्माण की आधारशिला ढाई एकड भूमि में रखी गई थी। करीब डेढ वर्ष मे भवन बनकर तैयार हो गया। भवन निर्माण के दस वर्ष होने चला, लेकिन आज तक स्थानीय जिला प्रशासन की लापरवाही या सरकार की लापरवाही के कारण आईटीआई शिक्षा की शुरुवात नही हो सकी। आधारशिला रखे जाने के दिन श्री मरांडी ने कहा था, कि इचाक मे आईटीआई खुलने से यहां के युवकों को आईटीआई की शिक्षा प्राप्त कर वेरोजगारी दुर हो सकता है, और पलायन भी रुकेगा। संस्थान में फीटर, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर, टर्नर, मोल्डर एवं अन्य ट्रेडो में तीन सौ विद्यार्थियो का नामांकन हो सकेगा। इसमे इचाक ही नही बल्कि कटकमसाडी, बरकट्ठा, बरही, चौपारण समेत कई प्रखण्डो के गरीब किसानो के बच्चों को प्रशिक्षण मिल सकेगा। वर्ष 2019 में अन्नपूर्णा देवी कोडरमा की सांसद बनी। उन्हें केंद्र सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बने करीब 5 वर्ष बीतने चला। जब वह मंत्री बनी थी तो यहां लोगो आईटीआई की पढ़ाई की शुरुवात होने की आस जगी थी और मंत्री द्वारा आश्वाशन भी दिया गया था। परंतु उनके जुबान पर ही दम तोड़ दिया। कि अब यहां के विद्यार्थियों का नामांकन होगा। लेकिन विद्यार्थियो का नामांकन का नसीब तो नही हो सका परंतु भवन में लूट खसोट की योजना चालू है।
क्या कहते हैं कांग्रेस नेता:-
कांग्रेस के प्रमंडलीय अध्यक्ष डॉ आरसी प्रसाद मेहता ने कहा कि
केंद्र सरकार के द्वारा बोंगा में तत्कालीन सांसद बाबूलाल मरांडी एवं राज्यपाल के द्वारा शीलान्यास किया गया। 5-7 वर्ष पूर्व बनकर तैयार है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी से पोषक क्षेत्र के द्वारा उद्घाटन मांग पत्र सौंपा गया है। ऐसे संस्थान झारखंड में सैकड़ो है जो शिलान्यास के बाद उद्घाटन के इंतजार में जर्जर हो रहा है। क्योंकि केंद्र सरकार जुमले की सरकार है। आज देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है।
क्या कहते हैं सांसद प्रतिनिधि:-
प्रखण्ड सांसद प्रतिनिधि भागवत प्रसाद मेहता ने बताया कि प्रखंड स्तर पर अधिक से अधिक छात्र छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार से जोड़ने के मकसद से बोंगा में आईटीआई का करोड़ों के लागत से भवन बनाया गया, लेकिन भवन बने करीब एक दशक बिताने के बाद भी चालू नहीं होना चिंताजनक है।
क्या कहते हैं किसान विकास मंच के संयोजक:- किसान विकास मंच के प्रदेश संयोजक रामलखन मेहता ने कहा कि संस्थान में आईटीआई की पढ़ाई की शुरुवात नही होना यहां के लोगो की अपेक्षा है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री से जो उम्मीद थी उस पर पानी फिर गया।

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