ईडी की जद में भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी पूजा सिंघल और छवि रंजन आ चुके हैं। दोनों पर गलत तरीके से अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है। दोनों फिलहाल निलंबित हैं और जेल में बंद हैं। पूजा सिंघल की संपत्ति को ईडी ने जब्त कर लिया है।
इसके अलावा राजनीतिक गलियारे में कुछ प्रभावी लोगों के साथ-साथ जमीन के दलाल भी ईडी की चपेट में आए हैं। अवैध खनन पर जहां ईडी की नजर है, वहीं ईडी ने रांची में सक्रिय एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कोलकाता के फर्जी दस्तावेज को दिखाकर जमीनों की हेराफेरी बड़े पैमाने पर कर रहा था।
ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी समन कर एक बार पूछताछ की है। ईडी के समन के बाद उन्होंने कार्रवाई को जानबूझ कर सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र बताया।
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। झामुमो का आरोप है कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। झामुमो ने ईडी को एंड ऑफ डेमोक्रेसी (लोकतंत्र का समापन) तक बता दिया है।
भाजपा ने ईडी की कार्रवाई को भ्रष्टाचार पर प्रहार बताते हुए तरफदारी की। इन सबके बीच राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की एक तटस्थ टिप्पणी इंटरनेट मीडिया पर चर्चा में है।
सरयू राय ने लिखा है – ईडी का अर्थ इंड ऑफ डेमोक्रेसी होगा या इनलाइटेंड डेमोक्रेसी, यह समय संदर्भ पर निर्भर है। औजार को क्या कोसना। वहीं, औजार निर्माण में भी लगता है और ध्वंस में भी। औजार की उपयोगिता इसे थामने वाले हाथ के हुनर और दिमाग की परिकल्पना पर निर्भर है। माना तो देव नहीं तो पत्थर!
पिछले वर्ष झारखंड में ईडी की धमाकेदार एंट्री हुई। महज 22 वर्ष की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुईं पूजा सिंघल के राजभवन से सटे आवास पर ईडी के अधिकारियों ने छापा मारा।
इसके अलावा उनके कई करीबियों के ठिकाने पर छापेमारी हुई। पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के यहां से ईडी ने 19 करोड़ रुपये से अधिक बरामद किए।
पूजा सिंघल गिरफ्तार कर ली गईं। उन्हें राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया। उनपर जिलों में तैनाती के दौरान मनरेगा में भ्रष्ट तरीके से धन कमाने के आरोपों की सत्यता प्रमाणित हुई। ईडी ने उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।
Leave a comment