खलारी सीमेंट कारखाना चलाने के आड़ में कोयला साइडिंग चलाये जाने से इलाकों में प्रदूषण व्याप्त मात्रा से बेहाल है।
खलारी सीमेंट कारखाना चलाने के आड़ में कोयला साइडिंग चलाये जाने से आसपास के ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण व्याप्त मात्रा से बेहाल है। ग्रामीण सासन प्रसाशन से गुहार लगाते लगाते थक गये। जबकि प्रसाशन से गुहार लगाने पर कार्य निरन्तर और भी व्यपक रूप से चलते आ रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट फैक्टरी के आड़ में काली कमाई का धंधा तो जारी है। काली कमाई से कोयले के चमक में जो धूल कण आसपास के ग्रामीण इलाकों में हवा के जरिये फैलाव हो रहा है। इससे कोयले की चमक में अंधा बने आउटसोर्सिंग कंपनियां मानव जीवन के शरीर से खेलते आ रही है। मानव शरीर मे कई ऐसी भयंकर बीमारियों का घर बन रहा है। ग्रामीण बताते है कि सीमेंट फैक्ट्री में कोयले की लोडिंग अनलोडिंग होने से आसपास पूरे क्षेत्र में कोयले की काली धूल कण घरों के अंदर घुस जाती है। धूल घर मे रखे साफ कपड़ो में कला धब्बा भी लग जाता है।
विस्थापित प्रभावित विकास मंच ने प्रदूषण के खिलाफ फैक्टी के सामने दिया धरना।
सीमेंट फैक्ट्री से निकलते प्रदूषण की रोक लगाने के लिए विस्थापित प्रभावित विकास मंच के बैनर तले 25 नवम्बर से फैक्टरी में लगातार धरना प्रदर्शन जारी किया गया था। जिसके बाद मंच की मांग पर फैक्ट्री प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कपनियों के बीच वार्ता के लिए समय मांग गया। जिसके बाद विकास मंच की ओर से 27 व 28 नवंबर तक सशर्त मांग पर वार्ता करने की बात प्रबंधन व कंपनी ने कही गयी। लेकिन प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कपनियों के ओर से कोई भी व्यक्ति वार्ता के लिए सामने नही आये।
आउटसोर्सिंग कपनियों व सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के ठग रवैये से आहत होकर किया चक्का जाम।
विस्थापित प्रभावित विकास मंच के द्वारा आउटसोर्सिंग कपनियों व सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के ठग रवैये से आहत होकर मंच ने 5 दिसंबर को खलारी सीमेंट फैक्ट्री में गिराए जाने वाले कोयला ट्रक हाइवा का चक्का जाम कर दिया गया। चक्का जाम होने से प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियां के हिमायती की छटपटाहट होने लगी। ग्रामीण व विस्थापित प्रभावित विकास मंच की ओर से सुबह 11 बजे से लेकर 3:30 तक फैक्ट्री में कोयले का डिस्पैच बंद रहा। प्रबंधन व प्रसासन से त्रिपक्षीय वार्ता में मंच के द्वारा अग्रिम चेतावनी देते हुए कहा कि प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कपनियां 10 दिसंबर तक मंच का मांग पूरा नही किया गया तो 11 दिसंबर को अनिश्चितकालीन चक्का जाम कर दिया जाएगा। और सीमेंट फैक्ट्री से एक भी रैक कोयला लोड नही होने दिया जायेगा। आक्रोश चक्का जाम में विस्थापित प्रभावित विकास मंच अध्यक्ष अवतार उराँव,सचिव राजेन्द्र गंझू,सह सचिव आशा देवी,कोषाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता सहित अन्य लोगो ग्रामीण प्रभावित विस्थपित मौजूद थे।
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