झारखंड : झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे 40 बैंक खाताधारकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिनके खातों में एक बार में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर की गई थी। यह कार्रवाई राज्य में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई है। सीआईडी की साइबर क्राइम थाना, रांची की प्रभारी डीएसपी नेहा बाला ने अपने स्वयं के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई है। यह मामला साइबर क्राइम थाना में केस संख्या 89/25 के तहत दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
झारखंड में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर ठगी के मामलों की जांच राज्य की सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच करती है। आमतौर पर इनकी प्रारंभिक शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज की जाती हैं। ठगी की रकम को सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) के माध्यम से फ्रीज किया जाता है। साथ ही, गृह मंत्रालय के “समन्वय पोर्टल” का उपयोग अपराधियों की प्रोफाइलिंग, नोटिस भेजने, नाम-पते की पुष्टि और संदिग्ध खातों की जानकारी जुटाने के लिए किया जाता है।
जांच में क्या सामने आया?
डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर डीएसपी नेहा बाला ने समन्वय पोर्टल और एनसीआरपी के समन्वित उपयोग से उन बैंक खातों की पहचान की, जिनमें ठगी की बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। जांच के दौरान ऐसे 40 बैंक खातों का पता चला, जिनमें एक बार में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी। इन खातों में बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, इंडसइंड बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, फेडरल बैंक, बंधन बैंक, फिनो पेमेंट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
किन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर?
इन सभी खाताधारकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 318(2), 318(3), 318(4), 319(2), 336(2), 336(3), 338, 340(2), 61(2) तथा आईटी एक्ट की धारा 66(B), 66(C), 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी नेहा बाला ने यह भी कहा है कि ये बैंक खाताधारक केवल साइबर ठगी के माध्यम बने ही नहीं, बल्कि सीधे तौर पर धोखाधड़ी की रकम के लाभार्थी और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल पाए गए हैं।
आगे की कार्रवाई
इस मामले की विस्तृत जांच साइबर क्राइम थाना रांची के इंस्पेक्टर मोहन पांडे द्वारा की जा रही है। राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जिनके खातों में साइबर ठगी की राशि पाए जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब सीआईडी की साइबर क्राइम शाखा ने इस दिशा में ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है।
Leave a comment