क्रांतिकारी आजाद की जीवनी युवाओं के लिए प्रेरणा : पवन महतो
धनबाद, 27 फरवरी मार्क्सवादी युवा मोर्चा ने आज क्रांतिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद की शहादत दिवस बेकार बांध चोक, धनबाद मे मनाया ।चोक पर स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा मे मायुमो जिलाध्यक्ष पवन महतो ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजली दी । इस अवसर पर मायुमो जिलाध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर आजाद का जीवन काल 23 जुलाई 1906 से 27 फरवरी 1931 के बीच था ।ज्यादातर वे आजाद के नाम से लोकप्रिय थे ।वे एक भारतीय क्रान्तिकारी थे।जिन्होंने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापक राम प्रसाद बिस्मिल और तीन मुख्य नेता रोशन सिंह, राजेंद्र नाथ लाहरी ओर अशफकुला खान के मृत्यु के बाद नये नाम हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन पुनर्गठन किया । चन्द्र शेखर आजाद जब 15 साल के थे ।उस समय गांधी जी ने असहकार आंदोलन की घोषणा की थी ।उक्त आन्दोलन मे चंद्र शेखर आजाद शामिल हो गये थे,परिणाम स्वरूप उन्हे कैद कर लिया गया ।जब चंद्र शेखर आजाद को जज के सामने लाया गया l उनसे उनका नाम पूछने पर चन्द्र शेखर ने अपना नाम आजाद बताया था l पिता का नाम स्वतंत्र ओर निवास स्थान जेल बताया था । उसी दिन से चन्द्रशेखर लोगो के बीच चंद्र शेखर आजाद के नाम से लोकप्रिय हुए । 1922 मे जब गांधी जी ने चंद्र शेखर आजाद को असहकार आंदोलन से निकाल दिया तो आजाद क्रोधित होकर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन से जुड़ गए ओर वे वहा सक्रिय सदस्य बन गए एसोसिएशन के लिए चंदा, सरकारी तिजोरियों को लुट कर जमा कर रहे थे । आजाद 1925 के काकोरी ट्रेन लुट मे भी शामिल थे । ब्रिटिश भारतीयों की क्रांतिकारी गति विधियों से डर चुके थे।अल्लाहबाद के अल्फ्रेड पार्क मे 27 फरवरी 1931 को ब्रिटिश पुलिस ने घेर लिया, आजाद अपनी बहादुरी से कई पुलिस कर्मी को मार गिराया । लंबे समय तक गोलीबारी के बाद आजाद नही चाहते थे कि वे ब्रिटिशों के हाथ लगे ओर पिस्तौल की आखिरी गोली से खुद को ही मार दी ।आजाद का वह पिस्तौल हमे आज भी अल्लाहबाद म्यूजियम मे देखने को मिलता है ।श्रध्दांजली सभा मे मुख्य रूप से मायुमो जिला उपाध्यक्ष संदीप कौशल, कृष्ण कुमार उर्फ लल्ला, हेमलाल महतो, बादल राम, सुमित बाल्मीकि, सपन कुमार, औरधेंदु दत्ता, अर्जुन बाल्मीकि, शंकर महतो, राजू बाउरी आदि लोग शामिल थे l ।
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