भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने प्रसिद्ध उपनाम ‘कैप्टन कूल’ को अब कानूनी रूप से अपना ट्रेडमार्क बना लिया है। जून के पहले सप्ताह में धोनी द्वारा ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई अर्जी को अब स्वीकृति मिल चुकी है। धोनी ने यह ट्रेडमार्क क्लास 41 के तहत खेल प्रशिक्षण, प्रशिक्षण सुविधाएं और स्पोर्ट्स कोचिंग सेवाओं के लिए रजिस्टर करवाया है। इसका मतलब है कि अब “कैप्टन कूल” का उपयोग व्यावसायिक रूप से सिर्फ धोनी ही कर सकेंगे।
पहले हुई थी आपत्ति, फिर मिली कानूनी मुहर
हालांकि, शुरुआत में इस ट्रेडमार्क को भारतीय ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 11(1) के तहत आपत्ति का सामना करना पड़ा था। कारण यह था कि “कैप्टन कूल” नाम पहले से एक अन्य ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत था, जिससे लोगों के भ्रमित होने की संभावना जताई गई थी।
लेकिन धोनी की ओर से यह मजबूत दलील दी गई कि “कैप्टन कूल” पिछले कई वर्षों से धोनी की पहचान बन चुका है। इस नाम को जनता, मीडिया और करोड़ों प्रशंसकों ने लंबे समय से अपनाया हुआ है। यह महज़ एक उपनाम नहीं, बल्कि धोनी की कमर्शियल पहचान बन चुका है।
धोनी की लोकप्रियता, उनकी शांत और संतुलित कप्तानी की छवि और व्यापक मीडिया कवरेज को देखते हुए ट्रेडमार्क रजिस्ट्री ने इस दलील को स्वीकार कर लिया। उन्होंने माना कि “कैप्टन कूल” कोई आम शब्द नहीं, बल्कि धोनी की ब्रांड पर्सनैलिटी और प्रोफेशनल छवि का अभिन्न हिस्सा है।
धोनी को यह नाम कैसे मिला?
“कैप्टन कूल” का टैग धोनी को उनके प्रशंसकों और मीडिया ने दिया था। मैदान पर चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो, धोनी हमेशा शांत दिमाग और ठंडे रवैये से फैसले लेते थे। भारत को 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप दिलाने वाले धोनी के इस व्यवहार ने उन्हें यह नाम दिलाया।
धोनी का क्रिकेट करियर और रेकॉर्ड
धोनी का करियर शानदार उपलब्धियों से भरा रहा है। भारत को 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप धोनी के कप्तानी में मिला। वे आठ बार ICC की वनडे टीम ऑफ द ईयर में शामिल हो चुके हैं, जो अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। वे 2006 से लेकर 2014 तक लगातार इस टीम में जगह बनाते रहे। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स को उन्होंने पांच बार चैंपियन बनाया। हालांकि, साल 2025 में टीम का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा था।
ब्रांड धोनी को मिली और मजबूती
इस ट्रेडमार्क को मिली कानूनी मंज़ूरी से अब “कैप्टन कूल” सिर्फ धोनी की पहचान नहीं, बल्कि उनकी ब्रांड वैल्यू का मजबूत स्तंभ बन चुका है। यह निर्णय न केवल उनकी छवि को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह उदाहरण भी पेश करता है कि कोई व्यक्ति अपनी लोकप्रिय पहचान को कानूनी रूप से सुरक्षित और व्यावसायिक रूप से उपयोगी बना सकता है।
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