कई आपराधिक मामले की प्राथमिकी दर्ज होने में महज इसलिए देर होती है कि घटनास्थल किस थाना क्षेत्र में है। इसको लेकर विवाद हो जाता है। अब इस विवाद को खत्म कर दिया गया है।
झारखंड–बिहार समेत पूरे देश में 1 जुलाई 2024 से आईपीसी और सीआरपीसी की छुट्टी हो जाएगी। नए आपराधिक कानून के अनुसार अब किसी इलाके में घटित घटना की प्राथमिकी (एफआईआर) किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकेगी।
इसे ‘जीरो एफआईआर’ के रूप में दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। जीरो एफआईआर को सीसीटीएनएस के माध्यम से संबंधित थाने में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित थाने में प्राथमिकी की संख्या दर्ज की जाएगी। दर्ज की गई प्राथमिकी की जांच और कार्रवाई की प्रगति को एफआईआर नंबर के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकेगा
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