झारखंडब्रेकिंग

झारखण्ड में पेसा कानून को प्रभावषाली ढ़ंग से लागू हो

Share
Share
Khabar365news

प्रेस क्लब रांची में प्रेस वार्ता रखी गई जिसमें पांचवी अनुसूची के क्षेत्र जनजाति समाज की परंपरागत रूढ़ी व्यवस्था एवं संसाधनों पर अधिकार हेतु बने पेसा कानून को झारखण्ड प्रदेष में लागू करने हेतु चर्चा की गई।

वनवासी कल्याण केंद्र राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के नाम से 1952 सम्पूर्ण देष में 700 से अधिक जनजातियों के बीच कार्य कर रहा है। वनवासी कल्याण आश्रम भारत के संविधान में अनुसूचित क्षेत्र घोषित हुए ऐसे 10 राज्यों में पंचायत अनुसूचित क्षेत्र में विस्तार कानून 1996 लागू होने के पश्चात इसके क्रियान्वयन हेतु लगातार प्रयास कर रहा है। महाराष्ट्र राज्य में 2014 में जब माननीय विद्यासागर राव राज्यपाल थे, उस समय इस नियम को घोषित होने में वनवासी कल्याण आश्रम की बड़ी भूमिका रही। उसके पश्चात मध्य प्रदेश में नियम लागू हो इस हेतु इंदौर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (पी.आई.एल.) वनवासी कल्याण आश्रम ने किया था। जिसके कारण तीन माह के अंदर मध्य प्रदेश में 15 नवंबर 2021 को पेसा के नियम वहां लागू हुए। झारखंड राज्य में भी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के नियमों को आधार मानकर झारखंड राज्य के पंचायत कानून एवं राजस्व कानून को ध्यान में रखकर पेसा नियमों का ड्राफ्ट वनवासी कल्याण केंद्र झारखंड में बनाया गया था। इसके लिए बिषुनपुर, दुमका में 11,12 फरवरी 2023, चाईबासा में 22,23 अप्रैल 2023, खूंटी में 17,18 जून 2023 और राँची में 4 नवम्बर 2023 को डीएसपीएमयू (वीर बुद्धु विष्वविद्यालय) कार्यषालाएं आयोजित की गई थी। झारखण्ड प्रदेष के परम्परागत ग्राम सभा के निर्णय प्रक्रिया में सहभागी माझी, नाईकी, पाहन, अकादमिक जगत के विद्वान, प्रषासकीय अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता ऐसे हजार से अधिक लोगों की सहभागिता से झारखण्ड राज्य के पंचायत कानून एवं राजस्व कानून को ध्यान में रखकर पेसा कानून का ड्राफ्ट तैयार किया गया था। जिसके आधार पर माननीय राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया था। वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड अनेक वर्षों संथाल परगना, कोल्हान क्षेत्र, उरांव क्षेत्र ऐसे सभी विविध परंपराओं के ग्राम मुंडा मानकी, पाहन, माझी हड़ाम, प्रधान पड़हा राजा जैसे सामाजिक प्रमुखों के माध्यम से यह मांग कर रहे हैं। झारखंड राज्य में पेसा कानून के अनुसार परंपरागत ग्राम सभाओं को अपने सामाजिक धार्मिक परंपराओं के साथ परंपरागत सीमा उनके भीतर के सभी नैसर्गिक संसाधनों पर अधिकार प्राप्त होता है इसी कानून के साथ-साथ वन अधिकार कानून के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधनों के संवर्धन एवं प्रबंधन का अधिकार भी राज्य शासन निश्चित करें, जिससे परंपरागत ग्राम सभा समूह मिलकर अपनी आजीविका सुरक्षित कर सकेंगे इसी के साथ-साथ उनके पास जो परंपरागत ज्ञान है, जैव विविधता का ज्ञान है उसकी भी सुरक्षा होगी जिससे वनों का संवर्धन भी होगा एवं जनजाति समाज की आजीविका भी सुनिश्चित होगी। वर्तमान सरकार ने जो प्रारूप जारी किया है इसमें लघु खनिज, बालू, मूरम आदि गांव के उपयोग हेतु ग्राम सभा के सहमति से उपयोग करना एवं उसके नियंत्रण का अधिकार भी दिया हुआ है। इसी तरह लघु जल निकाय, 10 हेक्टर तक के जल स्रोतों का प्रबंध, मत्स्य पालन का अधिकार भी ग्राम सभा को दिया है। परंपरा के अनुसार गांव की समस्या समाधान हेतु भी परंपरागत व्यवस्था को मान्यता दी है। इसी तरह भूमि हस्तांतरण हेतु भी ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य की है। ऐसे प्रावधानों का प्रत्यक्ष क्रियान्वयन छोटे छोटे गांव में जो समुदाय परंपरा से अपने समाज को सामूहिक रूप से संचालन कर रहा है वह समुदाय सहजता से यह प्रबंधन कर सकेगा।कुछ सामाजिक संगठनों ने झारखंड राज्य में पांचवी अनुसूची के स्थान पर छठी अनुसूची के नियम लागू करने की मांग की थी किंतु उच्च न्यायालय ने इसमें स्पष्ट कहा है कि यहां पर छठी अनुसूची लागू नहीं हो सकती एवं इस पर उच्चतम न्यायालय ने भी अपील को खारिज किया है। इसलिए इस नियम के तुरंत जारी होने में कोई कठिनाई नहीं है। झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा बनाया गया 2024 पेसा ड्राफ्ट को संज्ञान में लेकर राज्य शासन को यथा शीघ्र नियमों को राज्यपाल द्वारा अधिसूचित करना चाहिए। प्रेस वार्ता को सुशील मराण्डी प्रांत संगठन मंत्री, तनुजा मुण्डा , रिझु कच्छप, संदीप उराँव ने संबोधित किया।सुनील सिंहप्रांत प्रचार प्रमुखवनवासी कल्याण केंद्र

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  







Related Articles
BreakingJharkhandझारखंडब्रेकिंग

चाईबासा में पत्थर से कूचकर हत्या से सनसनी नियुक्ति पत्र का इंतज़ार 

Khabar365newsपश्चिमी सिंहभूम के टोंटो थाना क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया...

BreakingJharkhandझारखंडब्रेकिंग

2009 के संकल्प के मुताबिक तय हो शिक्षकों की सैलरी, 12 हफ्ते का दिया समय 

Khabar365newsझारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि...

BreakingJharkhandझारखंडब्रेकिंग

जयराम महतो JSCA में आम दर्शकों की तरह देख रहे मैच

Khabar365newsलाल घेरे में दिख रहे यह शख्स कोई आम इंसान नहीं है...

BreakingJharkhandPakurझारखंडब्रेकिंग

पाकुड़ में मासिक और विशेष लोक अदालत का आयोजन

Khabar365newsझालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) पाकुड़ के तत्वावधान...