बिहार : बिहार में छठ पर्व के बाद चुनावी सरगर्मी और तेज होने जा रही है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी त्योहारों के खत्म होते ही बिहार में प्रचार अभियान में उतरेंगे। इस बीच, विपक्ष और सत्तारूढ़ एनडीए के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। हालांकि तिथियों के बारे में अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
रोजगार, अपराध और महंगाई पर विपक्ष का हमला
छठ पर्व के साथ ही विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। विपक्षी दल जहां रोजगार, अपराध और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं, वहीं एनडीए लालू यादव के शासनकाल की याद दिलाकर मतदाताओं को साधने की कोशिश में है। राज्यभर में राजनीतिक गतिविधियां चरम पर हैं और नेताओं की सभाएं लगातार बढ़ रही हैं।
पवन खेड़ा बोले – त्योहार खत्म होते ही राहुल-प्रियंका होंगे एक्टिव
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी छठ पर्व के बाद बिहार में प्रचार अभियान में सक्रिय होंगे। खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “अमित शाह, जो देश के गृह मंत्री हैं, वे न तो घुसपैठ रोक पाए, न महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाए, न बेरोजगारी पर काबू पा सके, और न ही महंगाई को नियंत्रित कर पाए। बीजेपी 20 साल से बिहार और 11 साल से केंद्र में सत्ता में है—अब जवाब उन्हें देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने अभियान की रणनीति त्योहारों के बाद मैदान में उतारेगी और जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेगी।
मनोज तिवारी का पलटवार – ‘वक्फ बोर्ड पर भ्रम फैला रहे हैं विपक्षी दल’
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड का बिल संसद में पास होता है, विधानसभा में नहीं। जब आप (RJD) सरकार में थे, तब अपराधियों का राज था। जो शहाबुद्दीन की जय बोलता है, वह बिहार का दुश्मन है।” मनोज तिवारी ने दावा किया कि एनडीए की सरकार बिहार में पुल, रोजगार, और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर फोकस कर रही है।
तेजस्वी यादव का पलटवार – NDA पहले बताए, मुख्यमंत्री कौन होगा?
महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एनडीए पर पलटवार करते हुए कहा, “हम जनता के मुद्दों पर काम करने में विश्वास रखते हैं। NDA सिर्फ नकारात्मक बातें कर रही है। इस बार बिहार की जनता बदलाव के मूड में है। वे पहले बताएं कि उनका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है?”
बिहार चुनाव अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। छठ पर्व के बाद राहुल और प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस के अभियान को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
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