राँची: राँची जिले के खलारी सीमेंट फैक्ट्री के द्वारा हुटाप और जी टाइप के समीप फेंकी गई चुना पत्थर डस्ट (स्लरी) का अवैध खुदाई और उठाव इन दिनों बेरोक टोक के जारी है। कुछ दिन पहले यहां ट्रेक्टर से उठाव किया जा रहा था लेकिन इसके बाद अब छोटे ट्रकों और हाइवा से दिन दहाड़े मुख्य मार्ग से ढोये जा रहे है। बताया जाता है वन भूमि में जमा स्लरी उठाव के लिए खनन विभाग का अनुमति लेना जरूरी है ज्ञात हो कि पूर्व में स्लरी खुदाई में एक मजदूर की दब कर मौत हो गयी थी।

उसके बाद स्थानीय प्रशासन ने स्लरी उठाव पर रोक लगा दी थी। लेकिन ईंट भट्ठे सजते ही एक बार फिर स्लरी का उठाव चालू हो गया। स्थानीय लोग बताते है कि प्रतिदिन 50- 60 गाड़ी स्लरी का उठाव होता है। वाहन में ओवर लोडिंग होने से जिस रास्ते वाहन गुजरती है उस रास्ते स्टोन डस्ट प्रदूषण फैलाती जाती है। जिससे राहगीरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उधर खलारी प्रखण्ड के चुरी पश्चिमी पंचायत समिति सदस्य कुंजिता देवी ने आमजनों की सुरक्षा और सेहद को ध्यान रखते हुए स्थानीय प्रशासन से स्लरी तस्करी में रोक लगने की मांग की है। वहीं वनक्षेत्र के रेंजर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे अभी तक स्लरी का अवैध उठाव की जानकारी नही मिली है। अगर उठाव हो रहा है तो सीओ से मिलकर इस पर रोक लगाने की मांग रखी जायेगी। वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अबैध उत्खन अपराध है। जांच के बाद सही पाया जाता है तो विधि सम्मत कानूनी करवाई जाएगी।

भट्ठे के ईंट बनाने में काम आती है स्लरी:
जानकर बताते हैं कि कारखाने में सीमेंट निर्माण के दौरान स्लैरी को बहुतायत मात्रा में स्लरी को बहा दिया जाता था। चुना पत्थर का यह डस्ट स्लरी को ईंट भट्ठे वाले कच्चे ईंट में पकाने से पहले लपेटते है जिससे ईंट की मजबूत के साथ देखने मे खूबसूरत दिखाई पड़ती है। स्थानीय ईंट भट्ठे के अलावे आस पास के भट्ठों में भी इसे ले जाया जाता है।
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