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चिकित्सकों के ऐसे क्षमता और विशेषज्ञता से बढ़ता है लोगों का सरकारी अस्पताल से विश्वास: मनीष जायसवाल

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सांसद मनीष जायसवाल पहुंचे मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शशिकांत सिंह और संजीव कुमार सिंह सहित उनकी टीम का किया सम्मान

चिकित्सकों की इस टीम ने किया कमाल, जटिल रीढ़ की हड्डी का सफल ऑपरेशन कर एक जरूरतमंद मरीज को दी बड़ी राहत

हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई चिकित्सक है जो अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और ईमानदारीपूर्वक करते हैं और अपनी उत्कृष्ट सेवा जरूरतमंद मरीजों को प्रदान करते हैं। जिससे मरीजों और उनके परिजनों को बड़ा राहत होता है। ऐसे चिकित्सकों की सेवा कार्यों का प्रशंसा भी जरूरी है। ऐसे ही एक अत्यंत प्रशंसनीय कार्य को अपने चिकित्सीय अनुभव से अंजाम दिया है यहां के ऑर्थोपेडिक विभाग के एक चिकित्सीय टीम द्वारा। हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के एक चिकित्सीय टीम द्वारा एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया है। अमूमन यह ऑपरेशन न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा किया जाता है और महानगरों के निजी अस्पतालों में ऐसे ऑपरेशन के 2- 3 लाख रुपए खर्च होता है लेकिन सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐसे ऑपरेशन का होना चिकित्सकों की उपलब्धि है साथ ही जरूरतमंद मरीजों के लिए नई उम्मीद की किरण भी प्रस्फुटिल होती है। चिकित्सकों के ऐसे सेवा से जरूरतमंदों को अपने जीवन को सामान्य बनाने की एक नई आस भी जागती है और सरकारी अस्पताल के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ता है। इधर इस जटिल ऑपरेशन से प्रभावित होकर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने चिकित्सकों के इस पहल की सराहना की और शनिवार की सुबह वे खुद हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आर्थो ओटी पहुंचकर इस ऑपरेशन में शामिल चिकित्सीय टीम के सभी डॉक्टर और सहयोगियों के साथ अस्पताल प्रबंधन के उपाधीक्षक को शॉल ओढ़ाकर और पुष्प भेंटकर उनका सम्मान किया और हौसल बढ़ाया। सांसद मनीष जायसवाल पहले जनप्रतिनिधि हैं जो सरकारी अस्पताल के हर गतिविधि पर नजर रखते हैं और जरूरतमंद मरीजों के सेवार्थ सदैव तत्पर रहते हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर हमेशा आवाज बुलंद करते हैं तो यहां हुए अच्छे कार्यों की खूब सराहना भी करते हैं। इससे पहले भी सदर अस्पताल में जब जुगाड़ तकनीक के सहारे शल्य चिकित्सक डॉ.अभिषेक कुमार और उनके सहयोगी टीम ने एक जरूरतमंद मरीज का ट्यूमर युक्त हाथ का सफल सर्जरी किया था तब भी हॉस्पिटल पहुंचकर चिकित्सकों का सम्मान उन्होंने किया था।

ज्ञात हो कि हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सड़क दुर्घटना से ग्रसित चतरा जिले के जयपुर गांव निवासी 34 वर्षीय मरीज नरेश भुइयां की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और इस कारण वे चलने- फिरने में असमर्थ हो रहें थे और उन्हें कई प्रकार की शारीरिक कठिनाइयां हो रही थी। ऐसे में सीमित साधन- संसाधन के बावजूद यहां के अस्थि रोग विभाग के चिकित्सक डॉ. शशिकांत सिंह और डॉ. संजीव कुमार सिंह ने करीब ढाई घंटे के समय में मरीज को पेट के बल लेटाकर उनके रीढ़ की हड्डी का सफलता पूर्वक जटिल ऑपरेशन किया और मरीज को नवजीवन प्रदान कर एक बार सामान्य स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों के मुताबिक हजारीबाग जैसे शहर में अमूनन ऐसे ऑपरेशन निजी अस्पतालों में भी नहीं होता है और सरकारी अस्पताल में सीमित संसाधन में इस प्रकार का जटिल ऑपरेशन पहली बार हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब 8 पैडिकल स्क्रू और 2 रॉड लगाकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है और इस टीम में हम दो डॉक्टरों के अलावे हमारे टीम में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. सुप्रभात, प्रिया, रामाशीष और सहयोगी के रूप में ओटी के राजू, कुंदन, विनोद, विकास, सिस्टर संजना और रोशनी शामिल रहें। सभी के अथक प्रयास और सराहनीय सहयोग से ही यह जटिल ऑपरेशन संभव हो सका। डॉ. शशिकांत सिंह ने बताया कि ससमय अगर यह ऑपरेशन नहीं हो पाता तो मरीज को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था और लम्बे समय तक ऐसे ही रीढ़ की हड्डी टूटे रहने से पैरालाइसिस भी हो सकता था। सफल ऑपरेशन करने वाली मेडिकल टीम के चिकित्सकों ने भी मरीज के परिजनों को भी ऑपरेशन में सहयोग के आभार जताया और बताया कि यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत यहां पूरी तरह निःशुल्क हुआ है। ऑपरेशन के बाद मरीन की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है और धीरे- धीरे मरीज अब अपने पैरों में भी खड़ा हो पा रहा है ।

सांसद मनीष जायसवाल के निर्देश पर उनके मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी जो हमेशा जरूरतमंद मरीजों के हितार्थ हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवारत रहते हैं उन्होंने इस सफल ऑपरेशन की जानकारी जब सांसद मनीष जायसवाल को दी तो उन्होंने खुद
मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित आर्थो विभाग पहुंचकर चिकित्सकों का सम्मान कर उन्हें बधाई दिया और कहा कि चिकित्सकों के ऐसे क्षमता और विशेषज्ञता से जरूरतमंद मरीजों को बड़ा राहत होता है वहीं सरकारी अस्पताल के प्रति लोगों का आस्था भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अमूनन हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल को रेफरल अस्पताल बनाकर रख दिया गया है। ऐसे परिस्थिति में यह एक कठिन ऑपरेशन के उपयुक्त मरीज जो रेफर के लायक होने के बावजूद भी यहीं रखकर आर्थो विभाग की एक टीम द्वारा सफल ऑपरेशन किया जाना एक कल्याणकारी पहल है। सांसद मनीष जायसवाल ने यह भी बताया कि मेरे ऑर्थो टीम बोलने का मतलब पूरा और तो विभाग नहीं होता है। आज भी हजारीबाग का ऑर्थोपेडिक डिपार्मेंट मनमानी दरों में इंप्लांट बेचने और ठगी करने के लिए बदनाम है लेकिन कुछ चुनिंदा डॉक्टर और उनके स्टाफ है जो सराहनीय कार्य कर रहे हैं उनका हौसला समाज को बढ़ाना चाहिए ताकि उनका मनोबल बढ़े और उनके ऐसे सेवा कार्यों में बढ़ोत्तरी हो जिससे गरीब और जरूरतमंद का बड़ा कल्याण सहयोग होना संभव हो सकेगा ।

मौके पर सांसद मनीष जायसवाल के साथ अस्पताल परिसर में मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह, सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी और रामगढ़ के युवा नेता धनंजय कुमार पुटूस सहित अन्य गणमान्य लोग साथ रहें ।

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