डकरा- कोयलांचल क्षेत्र का ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से खलारी पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में दुर्गा पूजा की शुरूआत हुई. वर्तमान समय में कोयलांचल व आसपास के क्षेत्रों में कुल 23 जगहो पर दुर्गा पूजा का आयोजन होता है. 1948 से राम जानकी मंदिर खलारी में पूजा की शुरूआत हुई. उस समय मैक्लुस्कीगंज को छोड़ कर आसपास के 30-40 किलोमीटर की परिधि में कहीं भी दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं होता था. बुजुर्गों के अनुसार बताया जाता है कि खलारी सीमेंट फैक्ट्री में कार्यरत कुछ बंगाली परिवार के पहल पर पूजा की शुरुआत हुई थी. उस वक्त पूजा कमेटी में फैक्ट्री के महाप्रबंधक कार्मिक अधिकारी प्रशासन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बढ़-चढ़कर पूजा में हिस्सा लेते थे और सारे विधि विधान अनुष्ठान खुद किया करते थे बंगाल से ढांक बजाने वाला को पूजा में बुलाया जाता था. बाद में 1970 के आसपास स्थानीय लोगों को कमेटी में शामिल कर वृहद रूप में पूजा की जाने लगी. 55 वर्षो पूर्व देवी प्रसाद गोस्वामी पूजा कराते थे अब उनके वंशज के द्वारा पूजा कराई जाती है वर्तमान में स्वपन गोस्वामी 40 वर्षों से बर्दवान कोलकाता से आकर यहां पूजा कराते हैं समिति के लोगों ने बताया कि भले ही पूरे कोयलांचल में दर्जनों जगह पूजा होती है लेकिन राम जानकी मंदिर की दुर्गा पूजा का आज भी एक अलग महत्व है. यहां पारंपरिक और सादगी से पूजा होना अपने आप में एक अलग पहचान है. इसके अलावा पूजा स्थल के बाहर यहां बड़ा मेला लगता है नवरात्र में प्रत्येक दिन शाम को आरती के बाद प्रसाद लेने के लिए लोग दुर-दुर से आते हैं.
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