रिपोर्ट: ब्यूरो मंसूर खान के साथ आरीफ कुरैशी रामगढ़
रामगढ़ जिला अंतर्गत आज सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के कुपोषित बच्चों के कुपोषण स्थिति में सुधार के मद्देनजर जिला प्रशासन रामगढ़ की पहल के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य समृद्धि वाहन परियोजना के तहत पहला 15 दिवसीय शिविर पतरातू प्रखंड में संपन्न हुआ। स्वास्थ्य समृद्धि वाहन के माध्यम से पतरातू प्रखंड अंतर्गत पतरातू पंचायत के दुर्गा मंडप पतरातू, पतरातू बस्ती, भुइया टोला पतरातू, ब्लॉक मोड़ पतरातू एवं शांति मोहल्ला पतरातू क्षेत्र में रह रहे बच्चों को कुपोषण जांच एवं ग्रामीणों व अन्य को टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध कराई गई। शिविर के दौरान शुरुआत के 3 दिनों में पूरे क्षेत्र में व्यापक सर्वे किया गया इस दौरान कुल 229 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिनमें कुल 39 बच्चों को कुपोषित पाया गया जिसके उपरांत उनके उपचार की प्रक्रिया शुरू हुई।**उपचार के दौरान सभी कुपोषित बच्चों को तीन समय का पौष्टिक आहार नियमित रूप से उपलब्ध कराया गया वही महिलाओं को अपने बच्चे कुपोषण की स्थिति को समझने, बच्चे के जन्म के उपरांत शुरुआती 1000 दिनों तक बच्चे के पालन पोषण में ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण जानकारियां सहित कई अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया गया। नियमित रुप से पौष्टिक आहार मिलने व अन्य उपचार के कारण शिविर के आखिरी दिन तक 39 में से 35 बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखा गया एवं उनके वजन में बढ़ोतरी हुई। गौरतलब हो कि शिविर समाप्ति के उपरांत भी परियोजना के तहत कुपोषित बच्चों की स्थिति पर नजर रखी जाएगी वही समय-समय पर आवश्यकतानुसार उनके उपचार हेतु कार्य किया जाएगा। स्वास्थ्य समृद्धि वाहन परियोजना के माध्यम से कुपोषण के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में भी बड़ा कार्य किया गया। 15 दिवसीय शिविर के दौरान कुल 162 ग्रामीणों को टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराते हुए उनके रोग के उपचार हेतु कार्रवाई की गई।**★ स्वास्थ्य समृद्धि वाहन की विशेषताएं।**विस्तृत कवरेज़*एक चालित वाहन से दो या दो से अधिक जगहों पर पोषण शिविर संचालित होगा। समय और धन बचाने के उदेश्य से निर्मित इस चालित वाहन से 30 मिनट के अंतराल पर भोजन एवं अन्य सामाग्री दो या दो अधिक शिविर स्थान पर पहुचई जा सकेगी।*भंडार कक्ष*यह वाहन भंडार कक्ष का भी कार्य करेगी इसमे विभिन्न आकार की संद्रखें और दराज है जिसमे पोषण शिविर की समग्रियों का सुरक्षित भंडारण किया जाएगा।*कार्य*यह वाहन शिविर कर्मियों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्र तक ले जाने मे सहयोग करेगी। केंद्रीय कृत निगरानी वाहन में लगे क्लाउड वेस्ड कैमरे द्वारा शिविर के प्रतेक गतिविधियों की निगरानी रखी जाएगी।*लक्षित समूह* उम्र के सापेक्ष में कम वजन वाले अति कुपोषित बच्चे एवं उनके अभिभावक अधिकतम 40 कुपोषित बच्चे प्रत्येक शिविर में लाभान्वित होंगे*सेवाएं*चलित कुपोषण उपचार वाहन द्वारा दो तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।*नियमित भोजन*कुपोषित बच्चों को उम्र के हिसाब से उपायुक्त पौष्टिक भोजन दिन में तीन बार दिया जाएगा यह भोजन विशेषज्ञ की देखरेख में बनाया जाएगा।*टेलीमेडिसिन*यह मेडिकल वैन रोस्टर के अनुसार गांव- गांव जाएगी और कुपोषित बच्चों के साथ- साथ वयस्कों के लिए टेलीमेडिसिन पर काम करेगी।
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