
डकरा : रैयत विस्थापित मोर्चा क्षेत्रीय समिति के बैठक कायाकल्प वाटिका पिपरवार (इको पार्क) में संपन्न हुई.
बैठक की अध्यक्षता वासुदेव प्रसाद एवं संचालन प्रेम ठाकुर ने किया।.बैठक में मोर्चा केंद्रीय सचिव द्वारा सिविल विभाग से संबंधित महाप्रबंधक को प्रेषित पत्र पर गहन विचार विमर्श करते हुए मोर्चा द्वारा पांच सूत्री मांग पत्र एवं दैनिक अखबार में छपी खबर का मिलान किया गया। जिसमें पाया गया कि पत्र में महाप्रबंधक के खिलाफ एक भी शब्द नहीं लिखा गया है. ।दैनिक आवाज में महाप्रबंधक के खिलाफ समाचार कैसे छपी यह जवाबदेही “आवाज़” अखबार की है, ना कि मोर्चा की.।महाप्रबंधक ईमानदार हैं लेकिन चापलूस व नकारात्मक शक्तियों से घिरे हैं जो कोयला जगत के लिए ठीक नहीं है.।दूसरी बात है कि केंद्रीय सचिव द्वारा 1 दिसंबर 2022 को सिविल विभाग से संबंधित कार्यों में गुणवत्ता, अनियमितता राशि का दुरुपयोग इत्यादि पर जांच की मांग की गई थी जो आज 25 दिन बीत जाने के बाद भी जांच नहीं करना या मोर्चा से वार्ता नहीं करना नकारात्मक रवैया को दर्शाता है जिसे मोर्चा बर्दाश्त नहीं करेगी.।रैयतों के जमीन से निकली कोयला से होने वाली मुनाफा राशि से किए जा रहे विकास कार्यों पर मोर्चा पूर्व, वर्तमान और भविष्य में भी लिखते रहेगी यह मोर्चा का संवैधानिक अधिकार है.।

बैठक में एसीसी सदस्य रविंद्र नाथ सिंह तथा इस्लाम अंसारी द्वारा रैयत विस्थापित मोर्चा के पत्र जो खंडन सोशल मीडिया में की गई है उसकी भी घोर निंदा की गई तथा ऐसे हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी गई।. रविंद्र नाथ सिंह चुगली चापलूसी षड्यंत्र कर मोर्चा और प्रबंधन के बीच IR( औद्योगिक संबंध) को बिगाड़ कर अपनी ठीका-पट्टा को जमाए रखना चाहते हैं जिसे मोर्चा बर्दाश्त नहीं करेगी.
प्रबंधन का विस्थापित विरोधी रवैया को देखते हुए सुरक्षा सप्ताह का बहिष्कार मोर्चा करेगी.।बैठक में रैयतों के संवैधानिक अधिकार कोल इंडिया के आर.एंड.आर पॉलिसी के तहत मिलने वाली सुविधा नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास, रोड सेल, रोजगार, एक करोड़ तक का कार्य, 75% निजी कंपनियों में बहाली, शिक्षा, चिकित्सा, सीएसआर जैसे मुद्दा व मांगों पर प्रबंधन से एजेंडा मीटिंग आहूत कर चर्चा हुई थी जिसे धरातल में नहीं उतारा गया ठंडे बस्ते में डाल दिया गया प्रबंधन टालमटोल की नीति अपनाकर कोयला खदान चलाना चाहती है बैठक में मोर्चा की ओर से निर्णय लिया गया कि 16 जनवरी से पिपरवार क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंदी करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया जिसकी नोटिस 28 दिसंबर को दिया जाएगा।
बैठक मे रामचन्दर उराँव ,इक़बाल हुसेन,अनिल चौबे,अर्जुन गन्झू,महेंदर भोक्ता,विजय महतो,जितेन्दर राम,हाजी परवेज,रचित गन्झु,बीरू मुंडा,रामबालक गन्झू, मो.जूलफ़ान,अभिमन्यु केशरी ,रोहन कुमार,हाजी सह नवाज,सनी उराँव ,रोहन महतो,रितेश टाना भगत,राम विलाश गन्झू,प्रकाश महतो,बाबुलाल टाना भगत,सोमर गन्झू,रंजीत केशरी,रोहित केशरी,छोटु प्रजापति ,सईफ़ उल्लाह,सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

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