रिपोर्ट- सुमित कुमार पाठक पतरातु
झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में पर्यावरणीय तबाही का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अंगों पंचायत अंतर्गत देवगढ़ टोला, डूमर बेड़ा, चरका पत्थर ऊरेज और बड़कीटांड क्षेत्र में एनएमडीसी (NMDC) और उसके ठेकेदार ऋत्विक माइनिंग द्वारा बिना ग्राम सभा की अनुमति और रैयतों की सहमति के हजारों पेड़ों की कटाई की जा रही है।
इस मामले में स्थानीय आदिवासी समुदाय में रोष चरम पर है। पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “यह जंगल हमारी पहचान और आजीविका का आधार है। किसी भी हाल में ग्रामीणों के जल-जंगल-जमीन के अधिकारों को लूटने नहीं देंगे। जंगलों का यह नंगा कत्लेआम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे।
पूर्व कृषि मंत्री और वरिष्ठ नेता योगेंद्र साव ने भी कंपनी को खुली चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “जब तक ग्रामीणों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता नहीं होती, तब तक कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। कंपनी अगर जिद्द पर अड़ी रही तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। आदिवासियों और स्थानीय किसानो की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ों की कटाई से जंगली जानवर बेघर हो रहे हैं, मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है और जल स्रोत सूखने लगे हैं। कई परिवारों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
इस बीच, ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल जांच शुरू की जाए और दोषी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई हो। पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वन विभाग से त्वरित हस्तक्षेप की अपील की है।
स्थानीय लोग चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
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