रांची : शराब घोटाला व जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को व्यवसायी विनय सिंह के संदिग्ध लोन और अवैध निवेश का पता चला है. जांच में एसीबी को मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क का भी पता चला है
संदिग्घ लोन और अवैध निवेश के सिलसिले में जो तथ्य मिले हैं, उसके मुताबिक इसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व प्रभावशाही सरकारी संपर्क शामिल है. विनय सिंह ने इन सबका दुरुपयोग करके अवैध आर्थिक लाभ हासिल किया है.
एसीबी के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि विनय सिंह द्वारा संचालित निजी कंपनी M/s SS Motogen Pvt Ltd के माध्यम से करोड़ों के संदिग्ध लोन और फर्जी पूंजी निवेश किये गये, ताकि अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को वैध दिखाया जा सके
प्रारंभिक जांच में मनी ट्रेल की पुष्टि
- कंपनी के माध्यम से फर्जी शेयर पूंजी और संदिग्ध लोन प्राप्त किया गया.
- धनराशि को विभिन्न खातों और संपत्तियों में घुमाकर निवेश किया गया.
- बैंक लेन-देन और डिजिटल डेटा के विश्लेषण से मनी ट्रेल का खुलासा.
- फॉरेंसिक अकाउंटिंग से पता चला है कि कंपनी का उद्देश्य वास्तविक व्यापार नहीं, बल्कि काले धन की परतें बनाना (Layering) था.
एसीबी की जांच में यह पाया गया है कि कंपनी ने अल्प अवधि में विभिन्न बैंकों से बड़ी राशि का लोन हासिल किया गया, जबकि कंपनी का कोई वास्तविक व्यापारिक ढांचा या उत्पादन-बिक्री से जुड़ा कोई गतिविधि नहीं था.
एसीबी को जांच में जो साक्ष्य मिले हैं, उससे एसीबी के अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि लोन की राशि का उपयोग वास्तविक व्यवसाय के बजाय निजी संपत्तियों और अन्य खातों में स्थानांतरित करके किया गया था. इस तरह यह एक सुनियोजित प्रक्रिया थी, जिसमें अवैध धन को Layering और Concealment के माध्यम से “Proceeds of Crime” को वैध रूप दिया जा रहा था.
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