हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय मुकुंदगंज हजारीबाग में सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता मधुस्थली इंस्टीट्यूट शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज देवघर के सहायक प्राध्यापक डॉ. अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। ऐसे में व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य कोई नवीन विषय नहीं है। इसका उल्लेख उपनिषदों में वर्णित है। उन्होंने षडोपनिषद में नचिकेता का उदाहरण देते हुए मन पर नियंत्रण रखने की सलाह दी। साथ ही कहा कि लालसाएं अनंत हैं। भौतिक सुख के पीछे भागने से भी लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं। भारतीय पद्धति में आरंभ से ही इसका उपचार है। इसमें योग का सहारा लेने की बात कही गई है। उन्होंने सकारात्मक विचारधारा में ऊर्जा लगाने की बात कही। हजारीबाग के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बीरेंद्र कुमार ने कहा कि जहां हम आधुनिक तकनीकों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से हम मानसिक रूप से अस्वस्थ भी होते जा रहे हैं। खासकर कोविड काल से बच्चे मेंटल डिस्ऑर्डर का शिकार हो रहे हैं। उन्हें सामाजिक क्रियाकलापों में सक्रिय रखकर मानसिक रूप से मजबूत और स्वस्थ बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हर चार लोगों में एक व्यक्ति मानसिक रूप से पीड़ित है। इसे दूर करने के लिए समाज में जागरुकता लाने की आवश्यकता है। गौतम बुद्ध बीएड कॉलेज हजारीबाग का यह कार्यक्रम इसी जागरुकता की एक बेहतर कड़ी है। प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव ने कहा कि वर्तमान परिवेश में जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है। अपने विचार, व्यवहार, क्रियाकलाप और संस्कार को स्वस्थ रखें। संचालन सहायक प्राध्यापिका दीपमाला और धन्यवाद ज्ञापन पुष्पा कुमारी ने किया।
मौके पर उप प्राचार्य डॉ प्रमोद प्रसाद, प्रभारी विभागाध्यक्ष महेश प्रसाद, व्याख्याता अशोक कुमार सिन्हा, लीना कुमारी, अब्राहम धान, छोटीलाल प्रसाद, एसएस मैती, गुलशन कुमार, जगेश्वर रजक, अनिल कुमार, दशरथ कुमार, कनकलता, संदीप कुमार सिन्हा, रूपेश कुमार दास, दिलीप कुमार सिंह, अंजन कुमार, आदि उपस्थित थे।

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