पतरातु प्रखंड ग्राम-पालु, में पाहन महावीर उरांव के अगुवाई में जय सरना यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।(केंद्रीय आदिवासी सरना प्रार्थना सभा जय सरना ट्रस्ट) द्वारा,, धर्मअड्डा पत्थलकुदवा सरना स्थल ,प्रखंड-कटकमसांडी से यात्रा 11 दिनों के लिए केंद्रीय सचिव धरम अगुआ किरण मुंडा के अगुवाई में निकाला गया है।

जिसका नेतृत्व केंद्रीय अध्यक्ष धर्मगुरु कृष्णा उरांव कर रहैं हैं। मुख्य रुप से यात्रा में उपस्थित – केंद्रीय सदस्य धरम गुरु विजय उरांव हैं। यात्रा का उद्देश्य-नशामुक्त व शिक्षित समाज का संदेश व आदिवासी जागरूकता अभियान लगातार गांव-गांव भ्रमण कर संदेश दिया जा रहा है ताकि आदिवासी समाज अपने मुल धर्म सरना से मुंह न मोड़े धर्म परिवर्तन न करे आग्रह किया जा रहा है,।भारत सरकार जल्द से जल्द आदिवासी समाज के लिए भारतीय संविधान में मिलें जैसे सीएनटी एसी टी एसपीटी एसीटी और नियम- कानून हक अधिकार 5वीं,6वीं अनुसुची में बनायें गयें है और जितने भी अनुच्छेद, प्रावधान है उसे सुरक्षित करते हुए सरना धर्म कोड लागू करें ताकि आदिवासी समाज धर्म परिवर्तन न करें क्योंकि इससे हमारे आदिवासी समाज का मुल धर्म प्राकृतिक के साथ साथ आदिवासीयता खत्म होने के कगार पर आ चुकी है। आज आदिवासी समाज अपने ही राज्य, जिला, प्रखंड, गांव घर से लुप्त होते नजर आ रहें हैं, आदिवासी समाज आज डरे सहमें हैं,, जिस समाज ने भारत देश आजाद के लिए 1700 ई से लेकर 1947 तक सभी जाति समाज से ऊपर उठकर और सबसे ज्यादा संघर्ष किया आज उसके वंशज के साथ ऐसा दशा हो गया। मौके पर महान क्रान्तिकारी, आन्दोलनकारीयों-भगवान बिरसा मुंडा,तिलका मांझी,सिद्धू- कान्हू,निलांम्बर-पिताम्बर,कोका कमार,जितराम बेदिया,विर बुद्धू भगत को याद किया गया।। ग्रामीणो को धरम गुरुओं ने पगड़ी बांधकर व आदिवासी समाज का प्रतीक चिन्ह सरन झंडा देकर सम्मानित किया।।-समाजसेवी- सिवा मिंज, सोहराय उरांव, संजय उरांव,किसोर उरांव,छोटन उरांव,महाविर मिंज,जेठा उरांव। ग्रामीणों द्वारा आदिवासी सांस्कृतिक, ढ़ोल- नगाड़े,नाच- गान के साथ यात्रा को विदाई दी गई। यात्रीगण-केंद्रीय सदस्य पहान श्री सागर उरांव, नेहा मुंडा, पहान संदिप उरांव,रेशमा उरांव, रेशमी कुज्जूर उरांव,पहान बिरसा,पहान रवि उरांव,पहान निरल उरांव,रेशमी खलखो उरांव, सोमा उरांव,कुणाल गंझू आदि उपस्थित रहे।
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