
खलारी । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा गुमला के नेतृत्व में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत तीन दिवसीय नशा मुक्ति शिविर का आयोजन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (एसएसवीएम) डकरा में बुधवार से शुरू होकर शुक्रवार को सम्पन्न हुआ।

तीनो दिन कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन के साथ मातृ वंदना से की गई। जिसमें पहले दिन नशा से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को बताया गया। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग और ब्रह्माकुमारी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में मूल्य शिक्षा एवं अध्यात्म पाठ्यक्रम में डबल मास्टर डिग्री की हुई ब्रह्माकुमारी गीत पाठशाला की नियमित बीके प्रीति बहन ने कहा कि सभी प्रकार के नशे एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए एक नशे के आने से दूसरे नशे की संभावना बढ़ जाती है। नशा करने वाले व्यक्ति स्वयं के जीवन को तो बर्बाद करते ही है, इसके साथ वह समाज में नकारात्मकता को भी बढ़ावा देते है। वर्तमान युवाओं मे डिजिटल साधनों का दुरुपयोग भी एक तरह का नशा ही है, जो तेजी से फैल रहा है। वही कार्यक्रम के दूसरे दिन बीके प्रीति बहन ने विद्यार्थियों को राजयोग के अभ्यास से हमारा चिंतन सकारात्मक बनने की बात कहते हुए कहा कि मन की शक्ति से मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक व बौद्धिक रूप से सशक्त बनता है।

उन्होंने बताया कि बच्चे नन्हे पौधे के समान होते है जिनमे सिंचाई का कार्य उनके माता पिता द्वारा किया जाता है इसलिए बच्चों को शिक्षा के साथ साथ अध्यात्म की ओर अग्रसर करना चाहिए जिससे बच्चों का सभी प्रकार का विकास हो सके | आगे दीदी ने कहा कि यही वह समय है जो हमारे जीवन की दिशा और दशा तय करता है | आज नम्रता, धर्यता, मधुरता, सरलता, समरसता, गुणग्राहकता सत्यता आदि गुण कम देखने में मिलते है | विद्यार्थी जीवन में यदि हमें इन दिव्य गुणों की शिक्षा मिले तो निश्चित तौर पर पूरा जीवन सुन्दर व्यतीत होगा | उन्होंने कहा कि बच्चो के जीवन में नैतिक शिक्षा व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ आध्यात्मिकता का समावेश भी उनके जीवन में हो। वही कार्यक्रम के अंतिम दिन शुक्रवार को कमल भाई ने सभी विद्यार्थियों को शपथ ग्रहण कराया एवं प्रोजेक्टर के मध्य से नशा मुक्त अभियान के प्रति सभी को जागरूक किया गया। साथ ही स्कूल के सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं को ईश्वरीय सौगात भेट की गई जबकि विद्यार्थियों को टोली दिया गया। वही कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रेमचंद भाई ने विद्यार्थियों के साथ अपना अनुभव शेयर किया। इस मौके पर गीता बहन, बिश्वजीत भाई, प्रतिभा बहन मौजूद थे।
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