भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह कोडरमा जिला संगठन प्रभारी तलत शब्बीर उर्फ बाबू खान ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री सह राज्य सभा सांसद आदित्य साहू की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी ने भाजपा से अलग होकर जेबीएम नामक राजनीतिक दल बनाकर भाजपा को कमजोर करने की नाकाम कोशिश किया और भाजपा का बड़ा गर्ग करने की पुरजोर कोशिश भी किया था। उसमें नाकाम रहने पर पुनः भारतीय जनता पार्टी में अपने पार्टी का विलय कर भाजपा को बर्बाद करना प्रारंभ कर दिया है। इनके कार्यकाल में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से सैकड़ो भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया मगर इन दोनों महानुभावों के कानों पर जु तक नहीं रेंगी।इन्होंने जयंत सिन्हा जी के टिकट कटवाने से लेकर उन्हें बदनाम करने में अपनी पूरी ताकत को लगा दिया। इससे भी इन लोगों को चैन नहीं मिला तो उनको कारण बताओं नोटिस भाजपा के संविधान के खिलाफ जाकर दिया जो इनके कार्य क्षेत्र और अधिकार क्षेत्र से बाहर था,और नियमतः नोटिस का जवाब देने के लिए भाजपा के संविधान में 10 दिन का समय दिया गया है मगर आदित्य साहू ने इनको साजिश के तहत मात्र 2 दिन का समय दिया यह भी भाजपा के संविधान के खिलाफ है।अभिमान में या साजिश के तहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के महामंत्री ने भारतीय जनता पार्टी का झारखंड में बंटाधार कर दिया।यह भी मजाक देखिए की इन्होंने 479000 वोट प्राप्त कर चुनाव जीतने वाले सांसद जयंत सिन्हा जी को एक वैसे व्यक्ति ने नोटिस दिया जो खुद सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में मात्र 25000 वोट प्राप्त किया था।जिसको जनता ने नक्करा उसको बाबूलाल मरांडी ने स्वीकारा। जिसका जनता में कोई वजूद ही नहीं है सिर्फ चापलूसी के बल पर आज तक पद प्राप्त करता आया है। आने वाले लोकसभा के चुनाव का परिणाम भाजपा के खिलाफ जाता हुआ साफ दिखाई दे रहा है। हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा के सम्मानित कार्यकर्ताओं बाबूलाल मरांडी और आदित्य साहू से द्वारा किए गए उनकी गलती से होने जा रहे नुकसान के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मान्यवर जे पी नड्डा जी से मांग करती है कि इन दोनों महानुभावों को तत्काल प्रभाव से उनके पद से मुक्त कर झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को इस तरह के चापलूस नेताओं से बचाएं।इन दोनों महानुभावों से पद मुक्ति की मांग करने वालों में मुख्य रूप से अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व महामंत्री रशीद इकबाल उर्फ छोटू, कमरुल अंसारी, मोहम्मद नासिर, आशिक अंसारी, गुलाम ख्वाजा, मोहम्मद नसीरुद्दीन, मोहम्मद दानिश राजा, मोहम्मद तौहीद अल्ताफ राजा, शाकिर अली, मोहम्मद नजीर अंसारी, वली ख्वाजा, एम ए अंसारी, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद अयूब अंसारी सहित दर्जनों अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित हुए। उक्त जानकारी सांसद जयंत सिन्हा के मीडिया प्रभारी अनिल सिन्हा ने दिया।
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