खलारी से पवन गुप्ता की खबर
डकरा : कोयलांचल से सटे बुढ़मू प्रखण्ड के तिरू फॉल अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा है।झारखण्ड की राजधानी से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह फॉल स्वत: ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 200 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखने के लिए लोग सैकड़ों मील दूर से यहां पहुंचते हैं। हालांकि सरकार की अनदेखी के कारण इस पर्यटक स्थल का अभी तक विकास नहीं हुआ है। कोयलांचल और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को यह फॉल अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। झाड़ी और पत्थर से टकराते हुए तिरू फॉल का पानी 200 फीट की ऊंचाई से गिरता है।
मकरसंक्रांति के अवसर पर लगता है मेला

मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले विशाल मेला में आने वाले अधिकांश लोग तिरू फॉल से गिरते पानी को अवश्य ही देखते हैं। चारों ओर घनघोर जंगल के बीच में स्थिति इस फॉल से गिरने वाली पानी की आवाज पर्यटकों को स्वत: ही अपनी ओर आकर्षित करती है। मेला के बहाने अधिकांश सैलानी तिरू फॉल के मनोरम दृश्य का आनंद उठाने के लिए घंटों नीचे खड़े रहते हैं। जंगली पहाड़नुमा पत्थरों से टकराते हुए करीब 200 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखना सभी को काफी अच्छा लगता है।पर दो वर्ष सैलानियों की ये ख्वाइस अधूरी रह गयी सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन के चलते स्थानीय प्रशासन ने किसी भी सैलानियों को तिरुफॉल जाने की इजाजत नही दी थी पर इस बार काफी संख्या में सैलानियों की आने की उमीद है।
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