अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गिरिडीह जिला पूरी तरह योगमय हो गया। जिला प्रशासन की ओर से आयोजित मुख्य कार्यक्रम नगर भवन में संपन्न हुआ, जहां सुबह से ही भारी संख्या में लोग योगाभ्यास के लिए एकत्रित हुए। इस अवसर पर उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार, एसडीएम श्रीकांत विस्पुते सहित कई वरीय प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत शुभकामनाओं और प्रेरणादायक वक्तव्यों के साथ हुई, जिसमें अधिकारियों ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत पतंजलि योग समिति के प्रशिक्षक नवीन कांत सिंह और पुष्पा शक्ति ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उपस्थित लोगों को विभिन्न योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान की तकनीक सिखाईं। उन्होंने बताया कि नियमित योगाभ्यास से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
योग सत्र के दौरान ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे कई महत्वपूर्ण योगासन कराए गए। प्रशिक्षकों ने सभी आसनों की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए उनके लाभों के बारे में बताया। उपस्थित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पूरे मनोयोग से इन क्रियाओं में भाग लिया और योग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उपायुक्त रामनिवास यादव ने इस अवसर पर कहा कि “योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है और यह केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। हमें इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाकर निरोग जीवन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।” वहीं पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार ने युवाओं से योग को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि तनावपूर्ण जीवनशैली में योग ही शांति और संतुलन बनाए रखने का माध्यम है।
कार्यक्रम में गिरिडीह शहर के विभिन्न सरकारी एवं निजी विद्यालयों व महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं और शिक्षक भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने योग में सक्रिय भागीदारी दिखाकर इसे सफल बनाया। आयोजन के अंत में प्रतिभागियों को नियमित रूप से योग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और एक स्वस्थ एवं संयमित जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया गया। इस योग शिविर के माध्यम से न केवल योग के प्रति जन जागरूकता बढ़ी, बल्कि गिरिडीह वासियों ने यह दिखा दिया कि वे स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तत्पर हैं।
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