रामगढ़ जिले के सीमावर्ती क्षेत्र डी. ए. वी. उरीमारी में आज बहुत ही श्रद्धा के साथ महात्मा हंसराज की जयंती मनाई गयी | आज विद्यालय में बाल सभा आयोजित कर प्राचार्य श्री उत्तम कुमार रॉय सहित अन्य शिक्षकों और बच्चों ने महात्मा हंसराज जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर महात्मा जी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा ब्यक्त किये | इस अवसर पर आज निबंध लेखन प्रतियोगिता और कला प्रतियोगिता आयोजित किये गए जिसमें बच्चों ने बढ़ -चढ़ हिस्सा लिया | कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य श्री रॉय ने बच्चों को महात्मा जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की हमें उनके द्वारा सुझाये गए आदर्शों को अपना कर हम अपने जीवन पथ को सही दिशा देकर जीवन को सफल बना सकते हैं | उन्होंने ने बताया की डी. ए. वी. के प्रथम प्राचार्य का गौरव प्राप्त करने वाले महात्मा हंसराज जी ने किस त्याग और श्रद्धा के साथ तमाम कठिनाइयों का सामने करते हुए बिना वेतन के ही पूरा जीवन मानव सेवा में अर्पित कर दिया | प्राचार्य ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की जीवन में एक इंजिनियर , डॉक्टर या कोई बड़ा आदमी बनकर पैसा कमाना ही सफलता के मानक नहीं हैं अपितु अपनी अटूट श्रद्धा भाव से मानव मात्र की सेवा ही एकमात्र जीवन का लक्ष्य होना चाहिए जैसा की स्वामी जी ने अपने आदर्शों के माध्यम से हमें प्रेरित किया है | कार्यक्रम को सफल बनाने में में डी. के. मंडल , असीम घटक , एस. के. पाण्डेय , हरिहर पाढ़ी , सचिन कुमार तिवारी , एस बी सिंह , आर एन मिश्रा , दीनू बंधू दास , संजय पात्रा , रवि रंजन गुप्ता, बी प्रुस्टी, एन के वत्स, मंजू सिन्हा , पुष्पांजलि प्रधान , बबीता कुमारी , रश्मि कुमारी , नीतू सिंह लाल बहादुर , ए के सिंह ,राज कुमार सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा |
Leave a comment