महाकुंभ में गूंजेगा जनजाति संस्कृति रक्षा का शंखनाद
6 से 10 फरवरी तक जनजाति समागम में 25 हजार जनजातियों की सहभागिता
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा 6 से 10 फरवरी तक भव्य जनजाति समागम का आयोजन किया जा रहा है। वनवासी कल्याण केंद्र के नेतृत्व में झारखंड से भी 1100 जनजाति युवक- युवतियों का एक दल महाकुंभ प्रयागराज में जनजाति समागम में भाग लेने के लिए 5 फरवरी को कुंभ स्पेशल ट्रेन से जा रहा है। इस ऐतिहासिक समागम में देश भर के लगभग 25 हजार जनजाति श्रद्धालु उपस्थित रहकर अपनी धर्म – संस्कृति- परंपरा की रक्षा का संकल्प करेंगे।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम देशभर के 12 करोड़ जनजाति समाज की धर्म – संस्कृति- परंपरा की रक्षा के साथ-साथ जनजाति क्षेत्र में विभिन्न सेवा कार्य चला रहा है। प्रयागराज में चल रहे ऐतिहासिक महाकुंभ के अवसर पर जनजाति समागम का भव्य आयोजन कल्याण आश्रम की ओर से किया गया है। 6 से 10 फरवरी तक आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में देश भर से 25 हजार से अधिक जनजाति समाज एकत्रित हो कर अपनी धर्म – संस्कृति – परंपरा की रक्षा का संकल्प करेंगे।
युवा कुंभ का आयोजन 6 और 7 फरवरी को होगा। जिसमें देश भर के 10 हजार युवा सम्मिलित होकर इस विराट सांस्कृतिक महासागर का दर्शन करेंगे।
7 फरवरी को भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया है। जिसमें देशभर से आए हुए जनजाति समाज के लोग परंपरागत वेशभूषा और नृत्य के साथ कुंभ स्नान करेंगे। इस जनजाति समागम में देशभर से विभिन्न जनजातियों की लगभग 150 नृत्य टोलियां सम्मिलित होंगी, जो यहां अपनी परंपरागत नृत्य – संगीत का प्रदर्शन करेंगे।
10 फरवरी को इस समागम में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रांतो से आए जनजाति समाज के संत गण के साथ झारखंड के भी जनजाति संत धर्म- संस्कृति पर अपने विचार रखेंगे। जिसमे महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरिजी महाराज, स्वामी अवधेशानंद गिरी जी, आचार्य महामंडलेश्वर रघुनाथ महाराज आदि प्रमुख संत मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित रहेंगे।
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