
रिपोर्ट – सुमित कुमार पाठक पतरातु
राजमुंदरी, आंध्र प्रदेश: विश्व एड्स दिवस के अवसर पर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की सचिव और आंध्र प्रदेश मामलों की प्रभारी सुश्री अंबा प्रसाद ने राजमुंदरी डिग्री कॉलेज में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। श्रीमती प्रसाद ने इस दौरान छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए जागरूकता और सामाजिक समरसता पर विशेष जोर दिया।
कार्यक्रम में भारी संख्या में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए, सुश्री अंबा प्रसाद ने कहा:
“1 दिसंबर का यह दिन हमें याद दिलाता है कि HIV/एड्स से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हमारा सबसे बड़ा दुश्मन यह बीमारी नहीं, बल्कि इससे जुड़ा सामाजिक कलंक (Stigma) और भेदभाव है। जब तक हम पीड़ित व्यक्तियों को सामान्य जीवन जीने की अनुमति नहीं देते, तब तक हम इस लड़ाई में सफल नहीं हो सकते।”
- जागरूकता की अपील: अंबा प्रसाद ने कहा, “यह एक ऐसा रोग है, जिसका संक्रमण छूने, साथ खाने या हाथ मिलाने से नहीं फैलता। युवाओं को वैज्ञानिक तथ्यों को समझना होगा और हर तरह के मिथकों को तोड़ना होगा। सही जानकारी ही एड्स की रोकथाम का पहला और सबसे प्रभावी कदम है।”
- सामाजिक उत्तरदायित्व: उन्होंने कॉलेज के छात्रों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ‘कलंक मुक्त समाज’ (Stigma-Free Society) बनाने के लिए ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने कहा कि एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है।
- सरकार से मांग:अम्बा प्रसाद ने कहा कि सरकार को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) की पहुंच को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक और अधिक मजबूत करना चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे।
समारोह के अंत में, AICC सचिव ने कॉलेज परिसर में आयोजित ‘जागरूकता हस्ताक्षर अभियान’ में हिस्सा लिया और उपस्थित सभी लोगों को एड्स के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय योगदान देने की शपथ दिलाई।
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