झारखंडब्रेकिंग

गरीब मुसलमानों, महिलाओं की प्रगति नहीं चाहने वाले कर रहे वक्फ संशोधन बिल का विरोध-बाबूलाल मरांडी

Share
Share
Spread the love

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस पार्टी सहित इंडी गठबंधन को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन मुस्लिम समाज के गरीबों ,महिलाओं को उनके हक और अधिकार दिलाने का विधेयक है। कहा कि जो पार्टियां मुस्लिम समाज ,समाज की महिलाओं की प्रगति और विकास नहीं देखना चाहते वे ही इसका विरोध कर रहे।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को भू-माफियाओं और लुटेरों के चंगुल से मुक्त कराकर गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है, लेकिन कुछ लोग इसे गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल करने की बजाय भू-माफियाओं की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं। यह दुखद है, उन्हें गरीब मुसलमानों की चिंता करनी चाहिए। विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है। आजादी के  पहले से वक्फ है और आजादी से पहले भी संशोधन हुआ। अब से पहले तक इस एक्ट में 5 बार संशोधन हो चुके हैं। जब यह तब असंवैधानिक नहीं था, तब यह संशोधन असंवैधानिक कैसे हो गया? आजादी के बाद 1954 में अंग्रेजों के समय से चले आ रहे वक्फ एक्ट को रेगुलेट कर वक्फ एक्ट बनाया गया। इसके बाद साल 1995 में नया वक्फ बोर्ड एक्ट आया।

उन्होंने आगे कहा कि 2013 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने इसमें गैरकानूनी तरीके से संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिया कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन पर अपना अधिकार जता सकता है। वक्फ से जुडी समस्या केवल मुसलमानों की नहीं है बल्कि इससे बड़े पैमाने पर हिंदू, सिख, बौद्ध, इसाई और यहाँ तक कि मुस्लिम भी पीड़ित हैं। कई ऐसे मामले आये हैं जिसमें वक्फ ने मनमाने तरीके से मंदिरों, गुरुद्वारों और यहाँ तक कि पूरे गाँव को ही वक्फ की प्रॉपर्टी बता दिया है।

उन्होंने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ को एक धार्मिक बोर्ड नहीं माना है, बल्कि इसे वक्फ अधिनियम के तहत स्थापित एक ट्रस्ट या संस्था के रूप में देखा है जो संपत्ति के प्रबंधन और रखरखाव से संबंधित है। वक्फ अमेंडमेंट एक्ट से वक्फ में पहले से रजिस्टर्ड भू-संपत्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जिन मुद्दों पर विवाद चल रहा है, उसका निपटारा कोर्ट के आदेश पर होगा। वक्फ अमेंडमेंट एक्ट बस राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है।

उन्होंने आगे कहा कि जो विधेयक लाया गया  है वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे कांग्रेस ने बनाया था। इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। कई मुस्लिम संगठनों, इसाई संगठनों ने भी वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) द्वारा केरल के सभी सांसदों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील की गई है।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक रिफार्म के लिए है, रिवोल्ट के लिए नहीं। यह बिल गरीब मुस्लिमों और महिलाओं के अधिकारों को भी भी सुनिश्चित करेगा। हम इस बिल के माध्यम से पारदर्शिता ला रहे हैं। 2013 में कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव से ठीक पहले आनन-फानन में 13 सदस्यीय सेलेक्ट कमिटी बना कर वक्फ एक्ट में कई गैरकानूनी संशोधन किये और वक्फ को असीमित अधिकार दे दिए गए जिससे काफी गड़बड़ियाँ पैदा हुई। इसके अनुसार अगर वक्फ बोर्ड को सिर्फ लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है तो उसे कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं करना है। सारे कागज और सबूत उसे देने हैं जो अब तक दावेदार रहा है। वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए कोई कागज नहीं देना है। कांग्रेस पार्टी सहित इंडी गठबंधन के लोगों को जनता को दिग्भ्रमित करने से बाज आना चाहिए।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  







Related Articles
झारखंडब्रेकिंग

हेमंत सोरेन बनेंगे पार्टी अध्यक्ष, झामुमो में शिबू सोरेन अब नयी भूमिका में

Spread the loveझारखंड : झारखंड मुक्ति मोर्चा में अब शीर्ष नेतृत्व की...

बिहारब्रेकिंग

फिल्म स्टूडियो से मिली युवती की लाश, जॉब करती थी लड़की 

Spread the loveपटना : पटना में एक प्राइवेट फिल्म स्टूडियो से युवती...