भाकपा-माले रामगढ़ जिला कमेटी सचिव -हीरा गोप देवकीनंदन बेदिया,देवानंद गोप,पवन कुमार यादव, बसंत कुमार ने कहा कि बरकाकाना रेलवे निर्माण हेतू 1925 में सीआईसी बस्ती,छोटकाकाना,पिरी,तेलियातू,पोचरा, बुजुर्ग जमीरा,घुटूवा गांवों के हजारों एकड़ जमीन ग्रामीण किसानों से ली गई लेकिन इसके एवज में स्थानीय किसानों को पुनर्वास और रोजगार की कोई गारंटी नहीं की गई नाममात्र मुआवजा के नाम पर राशि दी गई है।
बरकाकाना जंक्शन स्थापित होने के बाद आसपास के ग्रामीण किसान अपनी साग सब्जी लेकर सड़क के किनारे झुगी-झोपड़ी बनाकर जीविकोपार्जन कर रहे थे। भाकपा-माले ने लगातार स्थानीय लोगों की जीविकोपार्जन के लिए रोड़ के किनारे घुटूवा से लेकर बरकाकाना, पोचरा तक झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रोजगार कर रहे हैं। जब बरकाकाना रेलवे जंक्शन को सुंदरीकरण किया जा रहा है और लोगों को झुग्गी-झोपड़ी रोजगार से बेदखल किया जा रहा है तो सबसे पहले विस्थापितों को वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करने की मांग करती है।
यह भी ज्ञात हो कि रेलवे निर्माण हेतू आवश्यकता से ज्यादा जमीनें किसानों से ली गई है जिसे किसानों को वापस करने के बजाय जमीनें ऑक्सन में कंपनी , ठिकेदारों को निलाम की जा रही है।
हीरा गोप
जिला सचिव
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