बिहार के अरवल में पुलिस बर्बरता के एक गंभीर मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मनीष कुमार पांडेय की अदालत ने डीएसपी कृति कमल, करपी थानाध्यक्ष उमेश राम सहित पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई इन आरोपित अधिकारियों की न्यायालय में लगातार गैर-हाजिरी और मामले के प्रति उनकी घोर लापरवाही के कारण की गई है।
पूरा मामला करपी थाना क्षेत्र में 2024 में हुए मारपीट और अभद्रता का है, जहां प्रदेश राजद सचिव रामाशीष सिंह रंजन की बहू तनीषा सिंह ने अदालत में शिकायत दर्ज कराया था। पीड़िता ने डीएसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर आपराधिक साजिश, महिला के साथ अभद्रता, मारपीट और गंभीर चोट पहुँचाने जैसे अमानवीय कृत्यों के गंभीर आरोप लगाए थे।
न्यायालय ने पहले आरोपियों को समन और जमानती वारंट भेजा था, लेकिन डीएसपी कृति कमल, उमेश राम, राघव कुमार झा, प्रीति कुमारी और रोहित कुमार सहित कोई भी अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। आरोपियों की लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए अदालत ने सख्त रुख अपनाया और फिर सभी के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी करने का आदेश दिया।
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