श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में शुक्रवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें कक्षा 11 वीं के विद्यार्थियों की दो टीम ने हिस्सा लिया। डिबेट में दोनों टीमों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पक्ष-विपक्ष में अपना तर्क रखा।टीम ए ने पक्ष में अपनी बात रखते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण त्रुटियों को काफी हद तक कम करते हुए किसी भी कार्य की सटीकता को और बढ़ाया जा सकता है। एआई रोबोट हमारे जोखिम को भी कम करेगा। चाहे वह बम को डिफ्यूज करना हो, अंतरिक्ष में जाना हो या फिर महासागर के सबसे गहरे हिस्सों में खोज करना हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कार्य की उत्पादकता बढ़ जाएगी। मनुष्य को अपने कार्य जीवन और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने के लिए ब्रेक और टाइम ऑफ की आवश्यकता होती है। लेकिन एआई बिना रुके काम कर सकता है। सारे कार्य तीव्र और सटीक परिणाम के साथ होंगे। एआई एल्गोरिदम की मदद से थकाऊ दोहराव वाले कार्यों को भी आसानी से कर सकते हैं।टीम ने कहा कि मनुष्य भावनाओं से प्रेरित होता है। मनुष्य के अंदर पसंद और नापसंद की भावना होती है। जबकि एआई भावनाओं से परे है। इसलिए इसके अंदर निष्पक्ष निर्णय की क्षमता होगी। एक जैसे बहुत से दोहराए जाने वाले कार्यों को भी आसानी से कर सकते हैं। टीम बी ने विपक्ष में तर्क रखते हुए कहा कि एआई आधारित मशीनों के निर्माण पर काफी उच्च लागत आएगी। एआई को समय और कार्य के अनुसार समय-समय पर अपडेट करना खर्चीला होगा। इसलिए यह महंगा सौदा है। एआई का बड़ा नुकसान यह है कि यह इंसानी दिमाग की तरह स्वयं से कुछ भी सोच नहीं सकता है। इस दृष्टिकोण से इसमें रचनात्मक नहीं होगी।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए रोबोट और चैटबॉट का प्रयोग होने से बेरोजगारी भी बढ़ेगी। टीम ने कहा कि इंसान में नैतिकता महत्वपूर्ण विशेषता है, जिसे एआई में शामिल करना मुश्किल हो सकता है। एआई की तीव्र प्रगति ने कई तरह की चिंताओं को जन्म दिया है। यदि इस तकनीक का व्यापक विस्तार होता है, तो मानवता को भी खतरा हो सकता है। दोनों टीमों से इशिका कुमारी, वाणी पांडेय, खुशी कुमारी, अर्णव आर्यन, संजना कुमारी, मिशांक आदर्श, नमन प्रसाद ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
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