देवघर की एक युवती को डिजिटल अरेस्ट किये जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों की शिकार होने के बाद यह युवती इतनी डर गयी थी कि वह 24 घंटे तक उनके निर्देशों का पालन करने को विवश हो गयी। यह वारदात देवघर के नगर थाना क्षेत्र के विलियम्स टाउन इलाके की सिलाई का काम करने वाली युवती के साथ हुआ है।
युवती के साथ हुआ वाकया विगत 6 फरवरी का है। युवती के पास एक अनजान नंबर से कॉल आता है। कॉल करने वाला खुद को CBI अधिकारी बताता है। वर्दी में कथित सीबीआई अधिकारी की फोटो को देखकर युवती उस पर विश्वास कर लेती है। वह युवती से कहता है कि सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो डालने के मामले में उस पर FIR हुई है। जब युवती ने उसकी बात को नकारती है तो अधिकारी उसकी बात एक और व्यक्ति से बात करवाता है और उसे फर्जी अरेस्ट वारंट और केस के दस्तावेज भेज देता है। इसके बाद अपराधियों ने वीडियो कॉल पर उसे डिजिटल अरेस्ट कर लिया और घर से बाहर न निकलने की धमकी दी।
तब अपराधी उससे मुकदमे से बचाने के एवज में पैसे की मांग करते हैं। युवती उनकी बात अपने पिता से करवाती है। ठग उन्हें भी झांसे में लेकर बैंक अकाउंट की जानकारी ले लेते हैं। गुरुवार से लेकर शुक्रवार सुबह तक युवती पूरी तरह मानसिक रूप से परेशान रहती है। किसी तरह उसने अपने भाई को खबर दी, जिसने एक दोस्त को घर भेजा। जब दोस्त ने समझाया, तो युवती को हकीकत का अंदाजा हुआ। इसके बाद वह अपने पिता के साथ साइबर थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने युवती को समझाया कि यह सब साइबर अपराधियों का जाल था और उसे डरने की जरूरत नहीं है।
यहां एक बात पाठकों को बताना जरूरी है कि युवती ने पीजी तक पढ़ाई की है और उसके पिता रिटायर्ड शिक्षक हैं, फिर भी दोनों साइबर अपराधियों के झांसे में आ गये। शिक्षित होना अपनी जगह है, अपने विवेक का सही जगह पर और सही तरीके से इस्तेमाल करना दूसरी बात है। साइबर समस्या हो या फिर कोई अन्य समस्या, लेकिन हम अपने विवेक का इस्तेमाल करके ही उससे निबट सकते हैं।
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