रिपोर्ट: ब्यूरो मंसूर खान रामगढ़
रामगढ़ जिले के सांकी पंचायत ओरयातू स्थित बरकाकाना से रांची को जोड़ने वाली रेलवे लाइन आखिरकार पहाड़ की चुनौतीपूर्ण के साथ खुदाई का काम पूरा कर रेलवे मार्ग भले ही पूरी कर ली हो लेकिन इस दौरान पहाड़ी इलाकों में बसे सैंकड़ों घरों के लोगों को रेलवे टनल के पहाड़ी क्षेत्र में ठहरा पानी रिसाव होने से पूरी जल स्रोत सूख गई और भयंकर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।

जिसके बाद आज ग्रामीणों ने सरकार से समस्या का समाधान का गुहार लगाई है।आपको बताते चलें कि सुरंग वाली दोनों पहाड़ियों के ऊपर दर्जनों गांव सैंकड़ों आबादी हैं। जमीन का जो पानी पहले पहाड़ियों ऊपरी हिस्से में जलस्रोत के रूप में बाहर निकलता था, वह पहाड़ के अंदर खुदाई हो जाने के कारण जल स्तर नीचे चला गया है और रेलवे लाइन के निकास द्वार से वहां बाहर निकल गई है।इस तरह पानी खत्म होने से इलाकों में जल संकट गहरा गया सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। और दर्जनों कुंआ चापाकल हमेशा के लिए सुख गई।

ग्रामीणों के बयान अनुसार दो किलोमीटर दूरी पर सिर्फ मात्र एक चापाकल है जहां सैंकड़ों लोग पानी के लिए कतार में खड़े रहते हैं। गांव वालों को इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि विकास की पथ पर चल रही रेलवे मार्ग गांव वालों के बीच इतना बड़ा पेयजल संकट लेकर आएगा। हम बात कर रहे हैं सांकी पंचायत ओतियातू में बने रेलवे टनल की जहां पहाड़ का कटाव करने से कई किलोमीटर दूर तक पानी लुप्त हो गई। जिस पहाड़ का सीना चीर कर रेलवे टनल खुदाई की गई है, वह पहाड़ सैंकड़ों लोगों का पीने का पानी भी अपने साथ लेकर बह गई।

जिस कारण आज सुगनी देवी,मलीता देवी, कौशल्या देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने राज्य सरकार और प्रशासन से जलमीनार और डोर टू डोर पानी सप्लाई का मांग कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि जिन इलाकों में सुरंग की खुदाई हो रही है वहां के गांव में पानी की किल्लत होने लगी है। गांव वालों का आरोप है कि सुरंग की खुदाई की वजह से इस क्षेत्र के जल स्रोत सूख गई है। कई वर्ष से पानी की समस्या से जूझ रहे इन ग्रामीणों का समस्या को देखने अबतक ना कोई जनप्रतिनिधि ना प्रशासन नाही सरकार आई है। और ऐसे में पेयजल लाइनें बिछाने का कोई लाभ गांव वालों को नहीं मिल पा रहा है।
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