पीसीसी के सदस्यों ने रविवार को परियोजना बंद करने का निर्णय लिया।
डकरा : रोहणी परियोजना प्रबंधन के मनोपॉली रैवये के कारण डकरा भीआईपी सभागर में ए.सी.सी की आवश्यक बैठक किया गया। बैठक में रोहिणी परियोजना के कामगारों की संडे ड्यूटी, पीएचडी एवम नियुक्ति मुद्दे पर चर्चा किया गया। बैठक में रोहणी के कामगारों पर चर्चा करते हुए बताया गया कि पहले से 162 रोहिणी के कामगारों का नियुक्ति के आधर पर विभिन्न खदानों में पदस्थापित किया गया। और बाकी 249 कामगार अभी भी रोहिणी में कार्यरत हैं। उन सभी कामगरों को कोई परियोजना लेना नही चाह रही हैं। इससे पूर्व केडीएच में सीटीओ के अभाव में एवम चूरी खदान में आग लगाने की वजह से कामगारों को रोहिणी परियोजना भेजा गया था। और रोहिणी परियोजना में उन सभी कामगारों को मान सम्मान देते हुए सभी लाभ दिया गया। परन्तु जब रोहिणी परियोजना में रोहिणी प्रबंधन के लापरवाही के कारण खदान बंद हो गयी। तो कोई भी परियोजना अब इन मजदूरों को नहीं रखना चाहता है, और तो और ए.सी.सी के सभी गण्यमान सदस्य रोहिणी परियोजना के कामगारों के लिए ठोस निर्णय नहीं लिया अब पूरे ए.सी.सी सदस्य, रोहिणी पी.सी.सी के जिम्मे छोड़ दिया गया। उसके बाद 12 जनवरी के सुबह 10 बजे रोहणी प्रबंधन का आनन -फानन में सभी पी.सी.सी सदस्यों को फोन के द्वारा 12.00 बजे पी.सी.सी की बैठक बुलाया गया और प्रबंधन के द्वारा अति आवश्यक कार्य का हवाला देते हुए, रोहिणी के कामगारों को रविवार ड्यूटि बाँट कर देने का बात कही जाने लगे। उसी पर पी.सी.सी के सभी सदस्यों ने एक स्वर में प्रबंधन की विरोध किया एवं पूर्णरूप से रविवार को बंद करने की घोषणा करते हुए विरोध करते हुए बाहर निकाल गये। पी.सी.सी सदस्य में ध्वजा राम धोबी सीएमयू,प्रदीप कुमार प्रसाद,संजय प्रसाद, किशुन राम बेदिया,बिरन कुमार पासवान,अमित कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
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