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हजारीबाग:हज़ारों ट्रक, बस और टैक्सी मालिक पिछले चार महीने से अपनी गाड़ियों की फिटनेस जांच नहीं कर पा रहे हैं। वजह – ऑटोमेटेड टेस्टिंग सिस्टम (एटीएस) सेंटर में तकनीकी खराबी। इस देरी ने न सिर्फ परिवहन कारोबार को झटका दिया है, बल्कि सड़क पर बिना फिटनेस वाली गाड़ियां चलने से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है।
मार्च 2025 से एटीएस सेंटर ठप है, एमवीआई लॉगिन सिस्टम भी बंद।
अनुमानित 15,000 से ज्यादा वाहन फिटनेस जांच के इंतजार में खड़े हैं।
परिवहन यूनियनों के मुताबिक, ट्रकों के खड़े रहने से रोज़ाना लाखों रुपये का नुकसान।
पुराने और खराब हालत वाले वाहन बिना जांच के सड़क पर चल रहे हैं, जिससे हादसे की संभावना कई गुना बढ़ी है।
स्थानीय बस मालिक कहते हैं, “गाड़ी खड़ी है, EMI और ड्राइवर की तनख्वाह देनी पड़ रही है, लेकिन कमाई शून्य है। अगर जल्दी समाधान नहीं हुआ, तो हमें गाड़ियां बेचनी पड़ेंगी।”
सरकारी प्रतिक्रिया और मांग:
व्यापारी संगठनों और वाहन मालिक संघ ने पुराने सिस्टम को अस्थायी रूप से चालू करने की मांग की है, ताकि जांच प्रक्रिया फिर शुरू हो सके। परिवहन विभाग ने आश्वासन दिया है कि समस्या का समाधान जल्द निकाला जाएगा, लेकिन कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है।
अगर तकनीकी खराबी जल्द नहीं सुधारी गई, तो यह समस्या केवल कारोबार का नहीं, बल्कि सड़क पर हर यात्री की सुरक्षा का मुद्दा बन जाएगी।
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