घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। करीब 9 बजे से शुरुआती रुझान मिलने लगेंगे। जमशेदपुर स्थित को-ऑपरेटिव कॉलेज परिसर को मतगणना के लिए पूरी तरह सील कर दिया गया है। केवल अधिकृत उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को ही मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी गई है। मतगणना के लिए कुल 15 टेबल लगाए गए हैं और 20 राउंड में वोटों की गिनती पूरी होगी। हर टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, एक सहायक और एक माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात हैं। अनुमान है कि दोपहर बाद तक उपचुनाव के नतीजे स्पष्ट हो जाएंगे। इस बीच भाजपा और झामुमो दोनों उम्मीदवारों ने अपनी जीत का दावा किया है।
यह उपचुनाव जेएमएम के वरिष्ठ नेता और राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन के कारण रिक्त हुई सीट पर कराया गया। 11 नवंबर को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान हुआ था, जिसमें शाम पांच बजे तक 74.63% वोटिंग दर्ज की गई। घाटशिला सीट पर इस बार भाजपा और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है, जबकि झामुमो की ओर से दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने बाबूलाल सोरेन को हराया था। तब रामदास सोरेन को 98,356 जबकि बाबूलाल सोरेन को 75,910 मत मिले थे।
यह मुकाबला सिर्फ दो उम्मीदवारों के बीच की जंग नहीं, बल्कि कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बना हुआ है। झामुमो प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन के समर्थन में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रचार की कमान संभाली, वहीं भाजपा उम्मीदवार के लिए पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भी सभाएं कीं। झारखंड राज्य गठन के बाद से घाटशिला सीट पर राजनीतिक समीकरण कई बार बदले हैं। 2005 में कांग्रेस के प्रदीप कुमार बलमुचू विजयी रहे, 2009 और 2019 में जेएमएम के रामदास सोरेन ने जीत हासिल की। 2014 में यह सीट भाजपा के लक्ष्मण टुडू के नाम रही। 2024 में भी रामदास सोरेन ने सफलता दर्ज की और बाबूलाल सोरेन दूसरे स्थान पर रहे।
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