झारखंड : झारखंड के 2 प्रमुख विश्वविद्यालयों रांची विश्वविद्यालय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में कुलपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने अंतरिम प्रभार की व्यवस्था की है। यह प्रभार केवल रोजमर्रा के प्रशासनिक कार्यों तक सीमित रहेगा, जबकि किसी भी बड़े या नीतिगत फैसले के लिए राज्यपाल की पूर्व मंजूरी जरूरी होगी।
बता दें कि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा का कार्यकाल 20 जून को समाप्त हो गया। इस कारण विश्वविद्यालय में कुलपति पद रिक्त हो गया। राज्यपाल ने नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, पलामू के कुलपति डॉ. दिनेश कुमार सिंह को रांची विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी। वहीं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य का कार्यकाल 21 जून को पूरा हो रहा है। यहां दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र को अस्थायी रूप से कुलपति का जिम्मा सौंपा गया है। वे भी केवल सामान्य प्रशासनिक कार्यों का संचालन करेंगे और किसी भी बड़े निर्णय से पहले राजभवन से अनुमति लेनी होगी।
राज्यपाल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि यह निर्णय शिक्षा सत्र की निरंतरता और विश्वविद्यालयों के सुचारु संचालन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। दोनों विश्वविद्यालयों को इस बाबत आधिकारिक सूचना भेज दी गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार जल्द ही दोनों विश्वविद्यालयों में नए स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकती है। फिलहाल यह अंतरिम कदम इसलिए उठाया गया है ताकि प्रशासनिक कामों में कोई रुकावट न आए और छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे।
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