पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ इसी मूल मंत्र को लेकर हजारीबाग में रविवार को एक अनोखी पहल देखने को मिली। हजारीबाग जिला पर्यावरण समिति के तत्वावधान में आगामी 7 अक्टूबर को आयोजित होने वाले “दूध मटिया–टाटीझरिया वन संरक्षण सह पर्यावरण मेला” के पूर्व, आज 6 अक्टूबर को एक भव्य साइकिल यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा कन्हरी हिल से शुरू होकर टाटीझरिया तक पहुंचेगी, जिसके माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति और हरित जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया जा रहा है।
सुबह से ही कन्हरी हिल परिसर में उत्साह का माहौल था। हरे परिधान और हेलमेट पहने सैकड़ों साइकिल सवार “साइकिल चलाओ, प्रदूषण घटाओ” के नारों के साथ जुटे थे। साइकिल यात्रा का शुभारंभ जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह बताना है कि साइकिल चलाना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी सबसे स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन साधन है।
यात्रा की शुरुआत से पहले तरंग ग्रुप की ओर से एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समूह के कलाकारों ने गीत, नाटक और नृत्य के माध्यम से लोगों को नशामुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के दौरान यह संदेश दिया गया कि नशा व्यक्ति को अंधकार की ओर ले जाता है, जबकि स्वच्छ जीवनशैली अपनाने से व्यक्ति समाज और प्रकृति दोनों के लिए उपयोगी बनता है। कार्यक्रम के क्रम में दूधमटिया स्थित जंगलों में वन प्रेमियों द्वारा एक विशेष “रक्षाबंधन कार्यक्रम” का आयोजन भी किया गया, जहां उन्होंने हर पेड़ को रक्षा सूत्र बांधकर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया। यह प्रतीकात्मक कार्यक्रम लोगों को यह याद दिलाने के लिए था कि पेड़ हमारी जीवन-रेखा हैं, और उनकी रक्षा हमारा नैतिक कर्तव्य है।
इस अवसर पर हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह, डीएफओ (पूर्वी) विकास कुमार उज्जवल, और डीएफओ (पश्चिमी) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने लोगों से अपील की..प्रकृति और पर्यावरण से प्रेम करें, क्योंकि यही हमारे जीवन का आधार है। हम सबका कर्तव्य है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरा-भरा झारखंड छोड़ें।
डीएफओ विकास कुमार उज्जवल ने कहा कि इस प्रकार की यात्राएं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पर्यावरण चेतना को मजबूत करती हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास, जैसे साइकिल चलाना, पेड़ लगाना और प्लास्टिक का कम प्रयोग करना, बड़े बदलाव की दिशा में कदम हैं।
समिति के सदस्य मुरारी सिंह ने बताया कि जब साइकिल यात्रा कन्हरी हिल से टाटीझरिया तक जाएगी, तो रास्ते में आने वाले गांवों और कस्बों में लोग इस अभियान से प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा “यह यात्रा सिर्फ पहियों की गति नहीं, बल्कि एक सोच की यात्रा है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाए। यह साइकिल यात्रा टाटीझरिया पहुंचकर एक सामूहिक पर्यावरण शपथ के साथ समाप्त होगी। वहां पर्यावरण मेला की तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा। मेला में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी प्रदर्शनी, पौधरोपण अभियान, वनों की रक्षा पर चर्चा सत्र और स्कूली बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।”
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