रिपोर्ट: ब्यूरो मंसूर खान के साथ तन्नू कुमार उपाध्याय
रामगढ़ जिले के पतरातु हरिहरपुर पंचायत स्थित पेयजल संबंधित डीएमटी फंड माध्यम से पीएचडी विभाग द्वारा सोलर सिस्टम जल मीनार का निर्माण कराया गया था। निर्माण के मात्र एक माह बाद ही सोलर सिस्टम जलमीनार खराब हो गया। यहां लंबे समय से खराब पड़ा हुआ कई जल मीनार । जल मीनार की ओर नातो जनप्रतिनिधि और नाही संबंधित पीएचडी विभाग का ध्यान है। जिस कारण हरिहरपुर ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

ज्ञात हो कि पतरातु प्रखंड क्षेत्र में जितने भी जल मीनार लगाए गए हैं उनमें से कई जल मीनार खराब पड़ा हुआ है जिसमें से एक प्रमुख स्थान हरिहरपुर पंचायत भी है जहां आप साफ साफ देख सकते हैं पतरातु डेम के किनारे प्राकृतिक के बीच बसा छोटे से पंचायत वासियों को किस तरह पानी के किल्लत से जूझना पड़ता है। ऐसे में यहां के ग्रामीणों का समस्या का समाधान कौन करेगा महिलाएं और बच्चे डेकची डब्बे लेकर बहुत ही दूर से पानी भरने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना समस्या संबंधित कई बार अंचल कार्यालय और पीएचडी विभाग के इंजीनियर से बात हुई है लेकिन समस्या का समाधान के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला गया।पूरे मामले पर हरिहर पूर मुखिया प्रतिनिधि राम नरेश महतो ने कहा कि चार वर्ष पूर्व डीएमटी फंड के माध्यम से जिला प्रशासन पीएचडी विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया कराते हुए हरिहर पूर पंचायत में 12 जल मीनार बनाई गई जो मात्र एक दो माह के बाद ही उनमें से लगभग दस जल मीनार पूरी तरह ख़राब हो गया था जिसे लेकर पंचायत वासियों द्वारा स्थानीय प्रशासन पीएचडी विभाग को कई बार कंप्लेन की गई जिसपर अबतक विभाग द्वारा कोई भी विचार विमर्श संज्ञान नही लिया गया।वहीं जलमीनार बनाएं गए कंपनी के ठेकेदार का कहना है कि जितने भी डीएमटी फंड से जल मीनार बनाई गई है चार वर्ष से ज्यादा हो गया है और हमारा कंपनी का एग्रीमेंट प्रावधान दो वर्ष तक सीमित है इसलिए हमारी जिम्मेवारी अब नहीं। अब ऐसे में वर्षों से ख़राब जल मीनार का रखरखाव किसके हाथों में होगी हरिहरपुर पंचायत वासियों के बीच चर्चा का विषय और जिला प्रशासन पीएचडी विभाग से प्रश्न बना हुआ है।
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