झारखंड हाईकोर्ट में आज मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और आईटी विभाग की सचिव व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी थानों को पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित किया जाए। यह सुनवाई प्रॉपर्टी रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड, शौभिक बनर्जी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर की गई। पिछली सुनवाई में अदालत ने इन शीर्ष अधिकारियों को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया था।
हाईकोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए डीपीआर तैयार करने और टेंडर की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जाए। इसके बाद राज्य के सभी 334 थानों में शीघ्र ही सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की व्यवस्था की जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि उसके आदेश का पूर्ण अनुपालन 5 जनवरी तक सुनिश्चित होना चाहिए।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के शौभिक बनर्जी और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि चेक बाउंस से जुड़े मामले में वे धनबाद कोर्ट में बेल लेने आए थे, लेकिन धनबाद पुलिस ने उन्हें दो दिनों तक अवैध रूप से थाने में बैठाए रखा और दबाव बनाकर दूसरे पक्ष का सहयोग किया। उनका कहना है कि पूरी घटना बैंक मोड़ थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई है।
जब अदालत ने थाने के सीसीटीवी फुटेज को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, तो पुलिस की ओर से बताया गया कि सीसीटीवी में केवल दो दिनों का ही बैकअप उपलब्ध है। इस पर अदालत ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि धनबाद जैसा शहर, जहां अपराध का स्तर काफी ऊंचा है, वहां सीसीटीवी डेटा का ठीक से संरक्षित न होना बेहद विचित्र बात है।
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