बीडीओ अशोक कुमार के जाँच पड़ताल के बाद मामला का हुआ पर्दाफाश
राहे-राहे थाना क्षेत्र स्थित एसबीआई बैंक शाखा से एक मृतक वृद्ध महिला के खाते से वृद्धावस्था पेंशन की राशि 47 हजार की बैंककर्मीयों और बिचौलियों की मिलीभगत से अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया है। मामले के संबंध में बताया जाता है कि राहे प्रखण्ड के सताकी पंचायत के इड़िसेरेंग गांव के एक मृतक वृद्ध महिला इतवारी देवी का वृद्धावस्था पेंशन की 47 हजार की अवैध राशि निकाली गई है।वृद्ध महिला की पांच वर्ष पूर्व 01अक्टूबर 2019 को मृत्यु हुई थी। इस वृद्ध महिला के मरने के बाद भी पांच साल से बैंक खाते में पेंशन की राशि आती रही। उक्त मृतक महिला के खाते की राशि पर बैंककर्मी और बिचौलियों का नजर पड़ी और दो किस्तों में राशि अवैध तरीके से निकाली गई। पहला किस्त 25 फरवरी 2025 को 17 हजार रूपये और 27 फरवरी 2025 को 30 हजार रूपये कुल राशि 47 हजार रुपये की अवैध निकासी की गई। महिला के खाते में वृद्धा पेंशन की जमा राशि कुल 77 हजार रुपये की बतायी जाती है। महिला के खाते में अभी भी 30 हजार की राशि बची हुई है। यह मामला तब सामने आयी जब बैंक के शाखा प्रबंधक ए0 ई0 खलखो मृतक महिला के बेटे डोमन मुण्डा के घर जाकर अवैध निकासी पर कारवाई करने की धमकी दी। मामले की खबर प्रखण्ड उपप्रमुख उमेश प्रसाद महतो को मिली। उपप्रमुख ने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार को जानकारी दी। जानकारी मिलते ही बीडीओ ने मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई करते जांच पड़ताल शुरू कर दी। जांच पड़ताल शुरू होते ही बैंक में हड़कंप मच गया। बीडीओ ने सख्ती से पूछताछ की तो मामला का पर्दाफाश हुआ।संलिप्त चार लोगों का नाम सामने आया, जिसमें बैंक कैशियर विलियम टोप्पो, बैंककर्मी राधेश्याम प्रजापति, डोमन मुण्डा और श्यामल लोहरा का नाम सामने आया। बैंककर्मी राधेश्याम प्रजापति ने बिचौलिया से वृद्धा पेंशन की मृतक महिला की खाता और आधार कार्ड लाने को कहा था। मृतक महिला के बेटे डोमन मुण्डा ने उक्त सहयोगी से मिलकर बैंककर्मी राधेश्याम प्रजापति को आधार और निकासी की फर्जी पर्ची भरकर दिया।राधेश्याम ने कैशियर विलियम टोप्पो से मिलकर राशि की निकासी दो किस्तों में कर दी। राशि का चार लोगों में बंटवारा करनी थी। कई सालों से इन लोगों ने गिरोह बनाकर मृतक वृद्धाओं की अवैध राशि का निकासी करने का संभावना जतायी जा रही है।मामले का निष्पक्ष जांच होने पर ओर कई मामले सामने आ सकती है। इस संबंध में बीडीओ अशोक कुमार ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामला सही है जांच चल रही है। पांच सालों के मृत वृद्धाओं का सूची तैयार की जा रही है, गहनता से जांच की जायेगी, सरकारी राशि गबन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इधर इस मामले की एक कड़ी प्रखण्ड कर्मीयों की लापरवाही की ओर इशारा करती है। मजे की बात है कि उक्त महिला की मृत्यु 2019 में हुई है।2019 से सरकारी दस्तावेज में इतवारी देवी जिंदा है। जबकि 2019 से पंचायत चुनाव,लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव सम्पन्न कराया गया।हर चुनाव के पहले वोटर आईडी का बीएलओ द्वारा 18 वर्ष के व्यक्ति को जोड़ने और मरने वालों को घटाने का सुमार किया जाता है। लेकिन प्रखण्ड कर्मीयों की कैसी सुमार जो मृतक इतवारी देवी सरकारी दस्तावेज में जिन्दा है। यदि गांव जाकर सुमार होता तो आज ये मामला आने की नौबत ही नहीं होती। मृतक महिला इतवारी देवी के बैंक खाते में वृद्धावस्था पेंशन पांच साल से आती ही नहीं।क्योंकि वृद्धावस्था पेंशन प्रखण्ड कार्यालय से ही स्वीकृति और संचालित होती है। प्रखण्ड के जिम्मेवार पदाधिकारी की बड़ी कमी दर्शायी जाती है।
फोटो-1-एसबीआई शाखा राहे का कार्यालय।
-2-बैंककर्मी राधेश्याम और मृतक महिला के पुत्र डोमन
मुण्डा।
-3-मृतक महिला का बैंक खाता।
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