रामगढ़। बाबजूद तरह-तरह के खेल दिखाकर दिन में करते लोगों का मनोरंजन, शो खत्म होने पर अपनों की याद में मणिपुर की घटना को याद कर रो-रोकर गुजारते हैं रात
घरवालों से बात नहीं होने पर अमानवीय घटना को याद कर लगी रहती हैं चिंता : रोबीन
शो खत्म होने के बाद घरवालों से बातचीत करते मणिपुर के सर्कस कलाकार।
सर्कस में कला का प्रदर्शन करते मणिपुर के कलाकार।
मणिपुर में घटी अमानवीय घटना के बाद सर्कस में काम कर रहे कलाकार अपने दिल में लाखों दर्द छिपा होने के बावजूद शो के दौरान विभिन्न खेलों का प्रदर्शन कर लोगों का मनोरंजन तो कर रहे हैं। लेकिन अपनों की याद में रो-रोकर रात गुजारने को विवश हैं। शो खत्म होते ही सर्कस में काम कर रहे दस कलाकार सबसे पहले अपने घरवालों से बातचीत कर उनका हाल जानते हैं। इसके बाद ही खाना-पीना करते हैं। मणिपुर के कलाकारों के टीम लीडर रोबीन सिंह और सर्कस के प्रबंधक ने बताया कि मणिपुर में घटी अमानवीय घटना को याद कर आज भी उनका परिवार के लोग काफी भयभीत हैं। मणिपुर में काम-काज व धंघा ठीक से नहीं चलने के कारण वे रोजगार की तलाश के साथ-साथ रोजी-रोटी के खातिर वे सर्कस में काम करने को विवश हैं।
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