झारखंड में कुड़मी समाज ने खुद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर आज, 20 सितंबर से रेल रोको आंदोलन की शुरुआत कर दी है। राज्य के कई जिलों में सुबह से संख्या में आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर उतर आए, जिससे रेल परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राजधानी रांची के मुरी रेलवे स्टेशन पर भी भारी संख्या में कुड़मी समाज के लोग मौजूद है। जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो गई है। रेलवे ने स्थिति को देखते हुए सभी प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है।
गौरतलब है कि कुड़मी समाज की यह मांग वर्ष 2022 के बाद लगातार मुखर होती गई है। पहली बार 20 सितंबर 2022 को बड़े पैमाने पर रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया था, जो करीब 9 दिनों तक चला था। इसके बाद वर्ष 2023 में भी ठीक इसी तारीख को आंदोलन शुरू हुआ, जो लगभग एक सप्ताह तक चला। हालांकि, 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के चलते आंदोलन स्थगित रहा। लेकिन इस वर्ष फिर से 20 सितंबर को आंदोलन की वापसी हुई है और इस बार इसका दायरा दिल्ली के जंतर मंतर तक पहुंच चुका है।
कुड़मी समाज की इस मांग पर राज्य और केंद्र के किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने अब तक खुलकर न समर्थन किया है, न विरोध। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे को लेकर सभी दल सतर्कता बरत रहे हैं। इधर, रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
Leave a comment