झारखंड – हजारीबाग की झील से एक और शव मिलने के बाद शहर में सनसनी फैल गई है। यह घटना बुधवार सुबह की है जब 25 से 30 वर्ष के एक युवक का सड़ा-गला शव डीआईजी सुनील भास्कर के आवास के सामने स्थित झील में तैरता हुआ मिला। लोहसिंघना थाना पुलिस का मानना है कि यह शव कम से कम तीन दिनों से पानी में डूबा हुआ था। इस घटना ने चार दिन पहले झील में मिले एक नाबालिग के शव की याद दिला दी है। उस नाबालिग की पहचान दो दिनों बाद ओकनी मुहल्ले के निवासी के रूप में हुई थी।लगातार शव मिलने से बढ़ी चिंताझील में लगातार शव मिलने से स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल बन गया है। लोग इस बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि यह घटनाएं हत्या हैं या आत्महत्या। कुछ लोग झील में लगातार शव मिलने की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं और पुलिस से शीघ्र समाधान की मांग कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब झील से शव मिले हों। पहले भी कई ज्ञात और अज्ञात शव यहां से बरामद किए गए हैं।पुलिस की कार्यवाही और जांचलोहसिंघना थाना प्रभारी संदीप कुमार मंडल ने बताया कि बुधवार को बरामद शव को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है। शव को पहचान के लिए 72 घंटे तक मोर्चरी में रखा जाएगा। यदि वारिस का पता नहीं चलता, तो अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। शव के पास से मिले मोबाइल फोन का सिम निष्क्रिय पाया गया है, लेकिन पुलिस तकनीकी विभाग की मदद से IMEI नंबर के जरिए मृतक की पहचान की कोशिश कर रही है। पुलिस इस मामले में हत्या और आत्महत्या दोनों पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है।झील का इतिहास और स्थानीय महत्वझील हजारीबाग के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका निर्माण 1855 से 1860 के बीच कैप्टन सिम्पसन के कार्यकाल में किया गया था। झील का निर्माण केंद्रीय कारा के निर्माण के दौरान खुदाई की गई मिट्टी से किया गया था। यह झील स्थानीय लोगों और अधिकारियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी है।झील के इर्द-गिर्द सुरक्षा पर सवालशहर के वरिष्ठ अधिकारियों के निवास स्थान के आसपास स्थित इस झील के क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाती हैं। झील के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लोगों में चिंता है, और वे प्रशासन से बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। इन घटनाओं की निरंतरता ने हजारीबाग के निवासियों को चिंतित कर दिया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है, और लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इन घटनाओं के पीछे का सच सामने आएगा। झील के पास सुरक्षा को बढ़ाना और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करना अब प्राथमिकता बन गया है।
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