गुमला उपायुक्त के निर्देशानुसार एवं अभिहित अधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के मार्गदर्शन में शनिवार को खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश चंद्र गुग्गी द्वारा जिले के विभिन्न बाल संरक्षण संस्थानों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बालिका गृह शिलम गुमला, खुशमारना बालगृह (लोहरदगा रोड) और नारी निकेतन तिर्रा का दौरा किया गया।
निरीक्षण के क्रम में बालिका गृह शिलम से सूजी, सत्तू और दलिया जबकि खुशमारना बालगृह से सोयाबीन और मसूर दाल का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा गया। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि जांच में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित वेंडर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया कि बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान खाद्य सामग्री की शुद्धता, पैकेजिंग पर लाइसेंस नंबर, निर्माण एवं समाप्ति तिथि की भी जांच की गई। पदाधिकारी ने संस्थानों को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी खाद्य पदार्थ सुरक्षित, स्वच्छ और मानक के अनुसार हों।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने संस्थानों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए, जिनमें शामिल हैं:
पेयजल की समय-समय पर जांच कराना।
परिसर एवं रसोईघर में नियमित रूप से पेस्ट कंट्रोल कराना।
रसोई, खाद्य भंडारण स्थल और भोजन परोसने के स्थान को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखना।
भोजन तैयार करने और परोसने वाले सभी कर्मचारियों को एप्रन, ग्लव्स और हेडगियर पहनना अनिवार्य करना।
बच्चों को केवल पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन ही प्रदान किया जाना।
पदाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी संस्था में लापरवाही, नियमों की अनदेखी या गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह निरीक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाल संरक्षण संस्थानों में रह रहे बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिले।
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