झारखंड विधानसभा के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का शुक्रवार यानि 11 दिसंबर, 2025 को हंगामेदार माहौल के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने कांग्रेस कोटे के एक मंत्री पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाया और सदन में एक ऑडियो सीडी पेश की, जिससे सदन का माहौल गरमा गया।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक विधायक और मंत्री के बीच कथित तौर पर कमीशन लेन-देन से संबंधित एक ऑडियो सीडी सदन में प्रस्तुत करते हुए इसकी फोरेंसिक जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग कमीशन के लिए गरीब जनता के काम को लटका रहे हैं। सत्ता पक्ष ने आरोपों को गलत बताते हुए उनपर पलटवार किया, जिसके कारण सदन में कुछ देर के लिए तीखी नोकझोंक और नारेबाजी होने लगी।
इन सभी मुद्दों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी के लिए मुख्य रूप से केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया, और कहा कि केंद्र द्वारा अपने हिस्से की राशि का भुगतान नहीं किए जाने के कारण यह समस्या खड़ी हुई है।
सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों, विशेषकर द्वितीय अनुपूरक बजट के पारित होने पर ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने सभी सदस्यों से संसदीय मर्यादा बनाए रखने और विचारों की कठोरता को भाषा की कठोरता में परिवर्तित न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन बहस के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली भाषा मर्यादित और सम्मानजनक होनी चाहिए। उन्होंने सभी सदस्यों से आने वाले सत्रों में सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। सभी आवश्यक कार्यवाही और संकल्पों के निपटाए जाने के बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
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