पाकुड़ से जितेन्द्र यादव की रिपोर्ट
युवा नेता ओम शंकर गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने निकाला शांतिपूर्ण मार्च
रातू (रांची): बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे लगातार अत्याचार और हाल ही में दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या के विरोध में शनिवार को रातू की सड़कों पर जनाक्रोश फूट पड़ा। युवा नेता ओम शंकर गुप्ता के नेतृत्व में निकाले गए इस आक्रोश मार्च में समाज के हर वर्ग — युवा, महिलाएं, बुजुर्ग और सामाजिक कार्यकर्ता — बड़ी संख्या में शामिल हुए।
रातू चट्टी से प्रारंभ हुआ यह मार्च विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ संदेश के साथ संपन्न हुआ। हाथों में तख्तियां, आंखों में आक्रोश और मन में पीड़ा लिए प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा दोषियों को कठोर दंड देने की मांग की।
“हिंदू कोई वोट बैंक नहीं,
यह अस्तित्व की लड़ाई है” — ओम शंकर गुप्ता
मार्च को संबोधित करते हुए युवा नेता ओम शंकर गुप्ता ने तीखे शब्दों में कहा—
“बांग्लादेश में हिंदुओं को काटा और जलाया जा रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। हिंदुत्व की रक्षा केवल भाषणों और कागज़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हिंदू किसी राजनीतिक पार्टी का सिर्फ वोट बैंक नहीं है।”
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है—
“कभी काटकर, कभी जलाकर,
हमारे ही भाई-बहनों को मार दिया गया।
और कुछ तथाकथित हिंदू हितैषी पार्टियाँ
इन जली-कटी लाशों की तस्वीरों को
चुनाव में वोट मांगने का औज़ार बनाती रहीं।”
केंद्र सरकार से ठोस कूटनीतिक पहल की मांग
ओम शंकर गुप्ता ने केंद्र सरकार से मांग की कि बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कूटनीतिक और सुरक्षा कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत से अधिक दूर नहीं है, इसके बावजूद वहां हिंसा का लगातार जारी रहना अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा—
“अगर हिंदू समाज आज एकजुट नहीं हुआ, तो आने वाली पीढ़ियों को असुरक्षा के साए में जीना पड़ेगा। अपने धर्म और समाज की रक्षा हमें स्वयं करनी होगी, तभी कट्टरपंथियों के मन में भय उत्पन्न होगा।”
महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी, एकजुटता का संकल्प
इस आक्रोश मार्च में रातू क्षेत्र के हर मोहल्ले से महिलाएं और पुरुष भारी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक स्वर में हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद रखने और शांतिपूर्ण लेकिन सतत संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
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